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मनीष सिसोदिया को जेल में अपराधियों के बीच रखा ? AAP के आरोपों पर तिहाड़ ने दिया जवाब

अजीत कुमार राय
नई दिल्‍ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को तिहाड़ जेलकी सेल नंबर 1 में देश के सबसे खतरनाक और खूंखार अपराधियों के साथ रखा गया है. उन्‍हें ‘विपश्यना’ ध्‍यान करने से भी रोक दिया गया है. ये आरोप आम आदमी पार्टी (AAP ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान लगाए. उधर तिहाड़ जेल प्रशासन ने बयान जारी आप की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया है. तिहाड़ प्रशासन की तरफ से जारी बयान के अनुसार मनीष सिसोदिया को जेल में सुरक्षित जगह रखा गया है. बयान में बताया गया कि, ‘जहां मनीष सिसोदिया को रखा गया है, वहां गुडा कंडक्ट का कोई कैदी नहीं हैं। मनीष सिसोदिया को अलग सेल में रखा गया है, जहां वे मेडिटेशन कर सकते हैं। ’

तिहाड़ जेल की ओर से जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक मनीष सिसोदिया जहां बंद हैं, वहां कोई गैंगस्टर नहीं है। मनीष सिसोदिया वर्तमान में कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में 20 मार्च तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. वहीं प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि मनीष सिसोदिया को लेकर हमें पता चला है कि उस जेल में हिंसक और खतरनाक अपराधी बंद हैं जिनके अपराध टीवी और अखबारों में कई बार आ चुके हैं. उनमें से कुछ तो ऐसे खूंखार अपराधी और मानसिक रूप से अस्थिर हैं कि जरा से इशारे पर किसी की भी जान ले सकते हैं। उनके खिलाफ पहले से ही इतने मामले हैं, अगर एक और जोड़ा जाता है तो उन्हें परवाह नहीं है।

सौरभ भारद्वाज ने उठाए सवाल, पूछा कभी इस तरह की दुश्‍मनी देखी क्‍या

सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी और बीजेपी भले ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, लेकिन क्या राजनीति में कभी इस तरह की दुश्मनी देखी गई है?’ सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मनीष सिसोदिया को जेल की अलग सेल में रखने का अनुरोध किया गया था और उसे अदालत ने मंजूर कर लिया था. कोर्ट की मंजूरी के बावजूद सिसोदिया को जेल नंबर एक में अपराधियों के साथ रखा गया है. अधिकारियों ने पहले कहा था कि सिसोदिया को तिहाड़ जेल नंबर-1 में रखा जाएगा, जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। अदालत ने आप के वरिष्ठ नेता को भगवद गीता, चश्मा और दवाएं जेल ले जाने की अनुमति दी थी और तिहाड़ के अधिकारियों को विपश्यना साधना करने के उनके अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया था।

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