चैत्र नवरात्र 2023: जानें कलश स्थापना की विधि और शुभ मुहूर्त

समय टुडे डेस्क।
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र बड़े धूमधाम और विधि-विधान पूर्वक मनाया जाता है। चैत्र प्रतिपदा के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधिवत की जाती है। मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री है। पहले दिन नवरात्रि का आरम्भ मां शैलपुत्री की पूजा के साथ होता है। नवरात्रि के पहले दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है और कलश स्थापना भी की जाती है, कलश स्थापना को भगवान गणेश का स्वरुप माना जाता है इसीलिए नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा की जाती है। नवरात्र में मां जगत जननी जगदंबे के नौ रूपों की पूजा आराधना की जाती है. मान्यता यह भी है कि इन 9 दिनों में मां जगदंबे धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के बीच में रहती हैं. उनकी हर मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. इस बार चैत्र रामनवमी बेहद खास रहनेवाला है क्योंकि ग्रह नक्षत्रों की स्थिति बेहद शुभ रहने वाली है. इस साल चैत्र रामनवमी 22 मार्च से प्रारंभ होकर 30 मार्च तक रहेगी. लेकिन क्या आप जानते हैं चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है।
अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि चैत्र नवरात्र पर 22 मार्च को कलश की स्थापना होगी। जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 6:25 से लेकर 9:25 तक है. इस मुहूर्त में आप अपने घर में कलश की स्थापना कर सकते हैं. शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य का उत्तम फल मिलता है।
11:15 से अभिजीत मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 11:15 से अभिजीत मुहूर्त प्रारंभ हो जाएगा। व्यापारियों, नौकरी करनेवाले या जिन्हें परीक्षाओं में समस्या हो रही हो, उन्हें इस मुहूर्त में कलश की स्थापना करनी चाहिए. यह उनके लिए शुभ फलदायक मुहूर्त है। इस समय किए गए कलश की स्थापना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. दोपहर 3:25 से शाम 6:25 तक चर और लाभ के दो अत्यंत अशुभ चौघड़िया मुहूर्त हैं जिनमें व्यक्ति अपने घर अथवा मंदिर में कलश की स्थापना कर सकता है।
कलश स्थापना की विधि
कलश स्थापना करते समय सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए. उसके बाद मिट्टी का कलश लेना चाहिए. आम की पत्ती, फूल-माला, सिक्का, जौ, अक्षत, मौली रक्षा सूत्र, गंगाजल, लाल कपड़े की चुनरी, सूखा नारियल और सुपारी की जरूरत कलश स्थापना के वक्त पड़ती है. साथ रखें. मिट्टी के कलश पर कुमकुम या रोली से तिलक लगाना चाहिए. गाय के गोबर से कलश के चारों ओर गोधना चाहिए। इसके बाद रक्षा सूत्र बांध कर कलश में पवित्र नदी का साफ जल डालें. उसके बाद उसमें अक्षत, दूर्वा, सिक्का, फूल, सुपारी आदि डालें और इस प्रकार चैत्र नवरात्र में कलश की स्थापना करें।
नवरात्रि पर बन रहे है 9 दुर्लभ संयोग
इस साल नवरात्रि के नौ दिनों में 9 दुर्लभ संयोग बनने जा रहे हैं। शनि और मंगल मकर राशि में रहेंगे। तो रवि पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग एक साथ आ रहे हैं। इसके अलावा मीन राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनता है। कुछ राशियों के लिए यह योग शुभ रहेगा। नवरात्रि के दिनों में देवी के साथ गणपति की पूजा करें। आपको हर काम में सफलता मिलेगी। इन दिनों में मां दुर्गा की भक्तों पर विशेष कृपा रहती है। जो सच्चे मन से नवरात्रि में देवी के नौ स्वरूपों की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है।
(नोट: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है समय टुडे मीडिया इसकी पुष्टि नहीं करता)