क्या आपको भी Periods में होती है हैवी Bleeding ? कहीं मेनोरेजिया का खतरा तो नहीं
जब पीरियड के दौरान असामान्य, बहुत ज्यादा और लंबे समय तक हैवी ब्लीडिंग होती है तो इसे मेनोरेजिया (Menorrhagia) कहते हैं।
पीरियड्स हर किसी महिलाके जीवन का एक हिस्सा है। इस दर्द से हर किसी महिला को गुजरना पड़ता है। ये दिन महिलाओं के लिए मुश्किल भरे होते हैं. यह एक बॉयोलॉजिकल प्रोसेस है। इस दौरान शरीर में हार्मोनल चेंजेज होते हैं. कुछ लोगों पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है तो कुछ लोगों के पीरियड्स का फ्लो हल्का होता है। हालांकि हम इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन कई बार हैवी ब्लीडिंग को इग्नोर करना खतरनाक हो सकता है। पीरियड्स के दौरान होने वाली इस हैवी ब्लीडिंग को मेनोरेजिया कहते हैं। आइए इसके बारे में डॉ वैशाली शर्मा से जानते हैं।
मेनोरेजिया क्या है?
डॉ वैशाली शर्मा ने बताया कि जब पीरियड के दौरान असामान्य, बहुत ज्यादा और लंबे समय तक हैवी ब्लीडिंग होती है तो इसे मेनोरेजिया (Menorrhagia) कहते हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की मानें तो जब किसी महिला को 7 दिनों से ज्यादा समय तक पीरियड्स रहते हैं और उसे हर 2 घंटे में पैड बदलने की जरूरत होती है तो ये मेनोरेजिया माना जाता है। इस दौरान महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मेनोरेजिया के लक्षण (menorrhagia symptoms)-
-तेज ब्लीडिंग होना
-7 दिनों से ज्यादा हैवी ब्लीडिंग होना
– सांस लेने में भी दिक्कत होना
-पूरे समय थकान रहना
-एक चौथाई से अधिक ब्लड थक्के के रूप में निकलना
-हर घंटे एक या एक से अधिक घंटे में सैनिटरी पैड बदलना
मेनोरेजिया के कारण
-यूट्रस का बढ़ जाना
-हार्मोनल इंबैलेंस
-गर्भाशय में फाइब्रॉएड होना
-विटामिन ई की कमी होना
-ओवेरियन डिस्फंक्शन
मेनोरेजिया से बचाव-
– ज्यादा परेशानी होने पर ब्लड़ टेस्ट कराएं
-तकलीफ बढ़ने पर थ्री डी अल्ट्रासाउंड करा सकते हैं
-हैवी ब्लीडिंग की समस्या में विटामिन सी, विटामिन ई के साथ मैग्नीशियम से भरपूर चीजों का सेवन करें
-अगर समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
कितने दिनों की होती है साइकिल-
एक एवरेज पीरियड साइकिल 28 से 30 दिनों की होती है. हालांकि ये 21 से 35 दिनों में कभी भी हो सकता है और ये 2 से 7 दिनों तक चल सकता है। कई लड़कियों का पीरियड साइकिल 21 दिनों का होता है। पीरियड की अवधि सेक्स हार्मोन और अन्य अंतःस्रावी हार्मोन जैसे थायराइड, प्रोलैक्टिन और इंसुलिन पर भी निर्भर करती है।
ब्लीडिंग का सही फ्लो –
वैसे तो पीरियड्स का सही फ्लो बताना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन हेल्थ एक्पर्ट्स की मानें तो नॉर्मल ब्लड फ्लो तकरीबन 60 मिलीमीटर का होता है। पूरी साइकल में लगभग 60 ग्राम खून आपके शरीर से पीरियड के दौरान निकलता है। हालांकि ये कम ज्यादा हो सकता है।