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राहुल गांधी सांसदी बहाल होने के बाद पहली बार सदन में बोलेंगे, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में लेंगे हिस्सा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज लोकसभा में पार्टी की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। सांसदी बहाल होने के बाद वे पहली बार सदन में बोलेंगे।

नेहा पाठक

नई दिल्ली। संसद से अयोग्य ठहराए जाने के चार महीने बाद राहुल गांधी की एक बार फिर से संसद में वापसी हुई है। सांसदी बहाल होने के बाद आज वे पहली बार लोकसभा में बोलनेवाले हैं। विपक्षी खेमे द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव पर आज संसद में बहस होनेवाली है। इस बहस में राहुल गांधी भी हिस्सा लेनेवाले हैं। सबकी नजरें राहुल गांधी के भाषण पर टिकी हैं । यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी मणिपुर में हिंसा पर संसद में क्या कहते हैं, जहां कांग्रेस नेता ने जून में दौरा किया था। इसके साथ ही अन्य मुद्दों पर भी वे मोदी सरकार को सदन में घेरने की कोशिश करेंगे।

माना जा रहा है कि सांसदी बहाल होने के बाद वे सदन में एक नए विश्वास के साथ नजर आएंगे। मोदी सरनेम मामले में कोर्ट से सजा मिलने के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई और शीर्ष अदालत ने उनकी सजा पर रोक लगा दी। इसके साथ ही एक बार फिर से उनकी सदस्यता बहाल हो गई।

दरअसल, विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर आज से तीन दिनों तक लोकसभा में होगी चर्चा। मोदी सरकार को अपने दूसरे कार्यकाल में पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है। आज कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी सदन में बोलेंगे। वे विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का 10 अगस्त को पीएम मोदी जवाब देंगे।

कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने 26 जुलाई को मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था जिसे स्पीकर द्वारा मंजूर कर लिया गया था। लोकसभा की कार्य सलाहकार समिति ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तीन दिन का समय दिया है।

इससे पहले अपने पहले कार्यकाल में वर्ष 2018 में मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। उस समय चर्चा के दौरान राहुल गांधी का पीएम मोदी को गले लगाना और आंख मारने वाला प्रकरण सुर्खियों में रहा था।

जुलाई 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ तेलुगूदेशम पार्टी की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। सदन में करीब 12 घंटे तक चर्चा चली थी। अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में केवल 126 वोट मिले थे जबकि इसके विरोध में 325 वोट मिले थे। इस तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव करीब 199 वोटों से गिर गया था।

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