भूस्खलन और बादले फटने से हिमाचल प्रदेश में बारिश से हाहाकार, अब तक 43 की मौत, कई लापता
हिमाचल प्रदेश में आसमान से बरस रही आफत के कारण तबाही का दौर जारी है। पिछले 24 घंटे में लैंडस्लाइड, बादल फटने और भारी बारिश के चलते 43 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लापता हैं।
नेहा पाठक
नई दिल्ली। मानसून समाप्त होने के बाद में पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में बारिश का तांडव जारी है। राज्य में जगह-जगह बादल फटने व भूस्खलन से अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि बड़ी संख्या में लोग लापता बताए जा रहे हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, आपदा के कारण राज्य में 752 सड़कें बंद हैं। कालका-शिमला ट्रेन मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। मौसम विज्ञान विभाग शिमला ने राज्य में 16 अगस्त तक भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की वजह से हिमाचल के मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर,हमीरपुर,कांगड़ा,चंबा आदि जिलों में सबसे ज्यादा तबाही मची है। इन्हीं जिलों के कई इलाकों में लोग दहशत में जी रहे हैं। वहीं मिली खबर के मुताबिक धर्मपुर की तनयाहड पंचायत के नल्याणा में मकान में मलवाल प्रवेश कर जाने की वजह से तीन लोगों के दबने की सूचना है। नाहन के कंडईवाला में कल देर शाम को बादल फटने से 50 घरों में एकाएक मलबा भर गया है। चुराह, सलूनी सहित कई पहाड़ी क्षेत्र पूरी तरह से धुंध के आगोश में है। जिसके चलते लोग जरुरी काम से भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उधर जिला प्रशासन ने भी खराब मौसम में लोगों से घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।