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छमछम करती गुड़िया रानी,सज कर आती बड़ी सयानी !

रक्षाबन्धन – बाल गीत

मछम करती गुड़िया रानी,
सज कर आती बड़ी सयानी।
लाल फ्रॉक पर फूल कढ़े हैं,
कानों झुमके सुघड़ गढ़े हैं।
राखी लेकर हाथ बढ़े हैं ,
नज़र उतारें दादी नानी।।
ठुमक चली वह थाल सजाकर ,
कान्हा जी को शीश नवा कर ।
चमकीली राखी पहनाकर,
भोग चढ़ाती गुड़ की धानी।।
भैया मेरे दूर न जाना ,
अपनी छुटकी भूल न जाना।
नहीं बहाना कभी बनाना,
मैं हूँ तेरी गुड़िया रानी।।
चॉकलेट बिल्कुल मत लाना,
दाँतों पर रोग नहीं लगवाना।
आर्या अच्छी बात सिखाना
बैठ सुनाना चाँद कहानी।।
भैया मैं भी खूब पढूँगी,
जग में रौशन नाम करूँगी।
मुश्किल पर भी जीत धरूँगी,
प्रॉमिस करती गुड़िया रानी ।।
छमछम करती गुड़िया रानी।
सजकर आती बड़ी सयानी।।

~ अन्नपूर्णा बाजपेयी ‘आर्या’
कानपुर

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