NEWS

जी-20 देश दुनिया में बिजनेस और निवेश बढ़ाने वाली नीतियों का करेंगे समर्थन, “न्यूक्लियर हथियारों की धमकी और इस्तेमाल दोनों हैं अस्वीकार्य”

भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में आम सहमति से संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने के साथ महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। इस दौरान दुनिया को संदेश देते हुए युद्ध में न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल की धमकी और उसके उपयोग को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया गया है।

सोनाली सिंह

नई दिल्ली। जी-20 के सदस्य देश शनिवार को उन नीतियों का समर्थन करने पर सहमत हुए, जो बिजनेस और निवेश को सभी के लिए वृद्धि और समृद्धि के इंजन के रूप में काम करने में सक्षम बनाएंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सदस्य देशों के बीच सहमति के साथ जी20 ने ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ को अपनाया है। मोदी ने ‘भारत मंडपम’ में शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीम की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण, नई दिल्ली जी20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन पर आम सहमति बन गई है। जी-20 नयी दिल्ली घोषणापत्र (नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन) के अनुसार, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मूल में एक नियम-आधारित, गैर-भेदभावपूर्ण, निष्पक्ष, खुली, समावेशी, न्यायसंगत, टिकाऊ और पारदर्शी बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली बहुत जरूरी है। नयी दिल्ली घोषणापत्र में कहा गया, “हम उन नीतियों का समर्थन करेंगे, जो व्यापार और निवेश को सभी के लिए वृद्धि और समृद्धि के इंजन के रूप में काम करने में सक्षम बनाएंगी।”

नेताओं ने संरक्षणवाद और बाजार को विकृत करने वाली प्रथाओं को हतोत्साहित करके समान अवसर और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरा, जिससे सभी को अनुकूल व्यापार और निवेश माहौल को बढ़ावा मिल सके। नयी दिल्ली घोषणापत्र के अनुसार, “हम एक समावेशी सदस्य-संचालित प्रक्रिया के माध्यम से अपने सभी कार्यों को बेहतर बनाने के लिए डब्ल्यूटीओ में सुधार को आगे बढ़ाने की जरूरत को दोहराते हैं। हम 2024 तक सभी सदस्यों के लिए एक पूर्ण और अच्छी तरह से कार्यशील विवाद निपटान प्रणाली को सुलभ बनाने की दृष्टि से चर्चा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

घोषणापत्र के अनुसार, वे फरवरी में अबूधाबी में होने वाले डब्ल्यूटीओ के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी13) में सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए रचनात्मक रूप से काम करने पर सहमत हुए। एमसी जिनेवा स्थित 164-सदस्यीय डब्ल्यूटीओ का सर्वोच्च निर्णायक निकाय है, जो सदस्य देशों के बीच व्यापार विवादों पर निर्णय लेने के अलावा वैश्विक निर्यात और आयात के लिए नियम बनाता है।

भारत की जी20 की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ शनिवार को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह का स्थायी सदस्य बन गया। जी20 की स्थापना 1999 में की गई थी और इसके बाद से इस गुट में यह पहला विस्तार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को नए सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सभी सदस्य देशों ने स्वीकार कर लिया। 10 सितंबर तक चलने वाली शिखर वार्ता में दुनियाभर के नेताओं द्वारा कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में आम सहमति से संयुक्त घोषणा पत्र जारी करने के साथ महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। इस दौरान दुनिया को संदेश देते हुए युद्ध में न्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल की धमकी और उसके उपयोग को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया गया है। सभी विश्व नेताओं ने सर्वसम्मति से जारी नई दिल्ली के इस घोषणा पत्र को लेकर भारत के संशोधनों का समर्थन किया। जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा में, “यूक्रेन में व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति” की स्थापना का आह्वान किया गया है। इसके अलावा, सदस्य देशों से यह भी आग्रह किया गया है कि वे “क्षेत्रीय अधिग्रहण के लिए बल प्रयोग की धमकी से बचें” या ऐसे किसी भी कार्य से बचें जो किसी भी राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर कर सकता हो।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button