UP बीजेपी में होगा बड़ा बदलाव, घोसी की हार के बाद भूपेंद्र सिंह चौधरी करेंगे घोषणा
यूपी बीजेपी बड़े सांगठनिक बदलाव का जल्द ऐलान कर सकती है। घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी इसकी घोषणा कर सकते हैं। घोसी के चुनाव नतीजों का अब तक इतना ताप है कि उसकी चर्चा सिर्फ सपा नहीं BJP के लोग भी कर रहे हैं।
सौरभ शुक्ला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव पर मुहर लगाने की तैयारी कर रही है। सोमवार को लंबे समय से अटकी नए जिला अध्यक्षों की सूची जारी होने का आसार था। लेकिन भाजपा जिला अध्यक्षों की सूची फिर लटकती नजर आ रही है। भाजपा संगठन जिलाध्यक्षों की सूची अभी भी फाइनल नहीं कर पा रहा है। 4 से 5 नामों को लेकर मामला अटकता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि यूपी बीजेपी लगभग 40 नए जिला अध्यक्षों की लिस्ट जारी करने वाली है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ये लिस्ट जारी करेंगे। उधर, घोसी में दारा सिंह चौहान की हार के बाद उनके मंत्री बनने को लेकर भी असमंजस पैदा हो गया है. ओम प्रकाश राजभर भी मंत्रिपद की दावेदारी जता रहे हैं।
शीर्ष नेतृत्व के फैसले के बाद भी लंबे समय से ये लिस्ट अटकी है, क्योंकि बीजेपी प्रदेश संगठन इस पर मंथन कर रहा है। बीजेपी संगठन के नए जिलाध्यक्षों की यह सूची ऐसे वक्त जारी हो रही है, जब मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट के परिणाम पार्टी के पक्ष में नहीं आए हैं. घोसी विधानसभा सीट बीजेपी गठबंधन 42 हजार से ज्यादा वोटों से हार गया। अखिलेश यादव का पीडीए समीकरण घोसी में काम कर गया। बीजेपी सरकार में घोसी औऱ खतौली जैसी सीटें हाथ से छिन जाने के बाद ऐसे बड़े सांगठनिक बदलावों की संभावना और ज्यादा प्रबल हो गई है।
खबरों के अनुसार, बीजेपी के जिलाध्यक्षों के जो नाम फाइनल हुए हैं, उसके अनुसार, 40 से 45 जिलाध्यक्ष हटाए जा सकते हैं। इसमें अवध क्षेत्र में 7 जिलों के जिलाध्यक्ष हटाए जाने की खबरें हैं। बृज क्षेत्र में अलीगढ़, मथुरा समेत आठ जिलों में बीजेपी के जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे.काशी क्षेत्र में वाराणसी समेत आठ जिलाध्यक्ष बदले जाने की संभावना है। लखनऊ महानगर के जिलाध्यक्ष के अलावा महोबा, वाराणसी, कानपुर देहात, अलीगढ, मथुरा, प्रयागराज, बहराइच और मेरठ के जिलाध्यक्ष बदले जाने तय माने जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि जिन जिलों में बीजेपी जिलाध्यक्ष लंबे समय से जमे हैं, उन्हें हटाया जा सकता है। चुनावों में प्रदर्शन और अन्य स्थानीय स्तर पर उनके कार्य प्रदर्शन की समीक्षा से मिले नतीजों के आधार पर भी कुछ जिलाध्यक्षों की छुट्टी की जा सकती है।
भाजपा ने पूरे उत्तर प्रदेश को सांगठनिक दृष्टि से छह क्षेत्रों में बांटा है। इसमें काशी, अवध , ब्रज, गोरखपुर , पश्चिम और कानपुर क्षेत्र शामिल है. माना जा रहा है कि जिलाध्यक्षों की नई सूची में युवा चेहरों पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। स्थानीय सांसदों और विधायकों के हिसाब से क्षेत्रीय औऱ जातीय समीकरण का संतुलन बनाने की भी पूरी कोशिश होगी। कुछ जिलाध्यक्ष महापौर और विधान परिषद सदस्य के पदों पर चुने जा चुके हैं, ऐसे में उन्हें भी हटाया जा सकता है।