पंक्चर बनाने वाले का बेटा बना जज, PCS-J की परीक्षा में लहराया परचम
प्रयागराज के अहद अहमद अभी कुछ साल पहले तक कभी पिता के साथ पंक्चर बनवाते थे तो कभी मां का हाथ बंटाते हुए कपड़े सिलते थे। लेकिन अब वो PCS-J की परीक्षा पास कर जज बन चुके हैं। उन्होंने UP PCS-J में 157वीं रैंक हासिल की।
अनूप मिश्रा
प्रयागराज। रख हौसला वो मंजर भी आएगा, प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा। यह कविता संगम नगरी प्रयागराज के अहद अहमद पर पूरी तरह फिट बैठती है। बीते 30 अगस्त को UP PCS-J यानी ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट का रिजल्ट घोषित हुए था, उसमें अहद अहमद का भी नाम है। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि अहद को यह कामयाबी पहली कोशिश में मिली है। वह भी सेल्फ स्टडी के भरोसे और बिना किसी कोचिंग के भरोसे। दरअसल, अहद के पिता अहद के पिता साईकिल रिपेयरिंग की दुकान से परिवार का खर्च चलाते हैं। मां अफसाना गांव के महिलाओं के कपडे सिलकर बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाती थीं।
अब अहद ने PCS J की परीक्षा पास कर अपने मां-बाप का नाम रौशन किया है। साइकिल का पंक्चर बनाने वाले के बेटे की कामयाबी पर प्रयागराज के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। कहीं उसकी कामयाबी का जश्न मनाया जा रहा है तो कोई खास अंदाज में अहद और उसके परिवार को मुबारकबाद दे रहा है। अहद को पढ़ा-लिखा कर कामयाब बनाने का आइडिया उनकी मां अफसाना को फिल्म ‘घर-द्वार’ से आया। इस फिल्म को देखने के बाद ही उन्होंने तय किया कि वह लेडीज कपड़ों की सिलाई कर बच्चों को पढ़ाएंगी। बता दें कि अहद प्रयागराज के नवाबगंज इलाके के छोटे से गांव बरई हरख के रहने वाले हैं।
अहद अहमद चार भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। उनके बड़े भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन चुके हैं तो छोटा भाई एक प्राइवेट बैंक में ब्रांच मैनेजर है। अहद ने एक न्यूज चैनल को बताया है कि माता-पिता ने उन्हें न सिर्फ संघर्ष में पाल पोसकर इस मुकाम तक पहुंचाया है, बल्कि हमेशा ईमानदारी और नेक-निय्यती से काम करने की नसीहत भी दी है।
अहद का कहना है कि माता-पिता ने उन्हें न सिर्फ मुफलिसी और संघर्ष में पाल पोसकर इस मुकाम तक पहुंचाया है। उन्होंने हमेशा ईमानदारी और नेक नियति से काम करने की नसीहत दी है। माता-पिता की इस हिदायत पर वह उम्र भर अमल करने की कोशिश करेंगे। अहद के मुताबिक उन्हें यह बताने में कतई झिझक नहीं होगी कि वह एक पंक्चर वाले के बेटे हैं। उन्होंने कहा कि अब वह पिता को आराम देना चाहते हैं।