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भगवान की शरणागति से मिलता भक्ति, ज्ञान और वैराग्य : जगतगुरू स्वामी रामभद्राचार्य

अंकित बाजपेई

कानपुर नगर। शास्त्रीनगर सेंट्रल पार्क में चल रही श्री मद् भागवत कथा में जगतगुरू स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने भगवान की शरणागति के फायदे बताए। श्री मद् भागवत कथा के तीसरे दिन उन्होंने कहा कि जो भगवान की शरण में चला जाता है, उसके सारे कार्य एक साथ हो जाते हैं। जिस तरह भोजन करने से मन को संतोष मिलता है, शरीर को बल मिलता है और भूख भी मिट जाती है। उसी तरह जो व्यक्ति भगवान की शरणागति में चला जाता है। उसे भक्ति, ज्ञान और वैराग्य, तीनों की एक साथ प्राप्ति हो जाती है।

जगतगुरू ने कहा कि भगवान की शरणागति केवल एक जन्म में नहीं मिलती बल्कि इसके लिए कई जन्म लेने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि गीता में भगवान कहते हैं कि जो व्यक्ति मेरी शरण में आ जाता है, उसी समय जीव के करोड़ोें जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। भगवान की शरणागति को अमूल्य बताते हुए स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि जब तक जीव प्रभु की शरण में नहीं आता, तब तक ज्ञान होने के बाद भी उसे मुक्ति नहीं मिलती। जगतगुरू ने गीता को सनातन धर्म का जजमेंट ग्रंथ भी बताया।

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