समय टुडे डेस्क।
स्पोट्र्स इंजरी ऐसी चोट होती है, जिसमें जख्म तो नहीं दिखता, लेकिन अंदरूनी रूप से शरीर में असहनीय दर्द होता है। इसमें हड्डियां टूटने, मोच आने, अंग, मांसपेशी आदि का अपनी जगह से खिसकने व लिगामेंट के क्षतिग्रस्त होने जैसी समस्याएं होती हैं। नेशनल स्पोट्र्स डे (29 अगस्त) के मौके पर जानते हैं कि स्पोट्र्स इंजरी क्या होती है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है। स्पोट्र्स इंजरी ऐसी चोट होती है, जिसमें जख्म तो नहीं दिखता, लेकिन अंदरूनी रूप से शरीर में असहनीय दर्द होता है। इसमें हड्डियां टूटने, मोच आने, अंग, मांसपेशी आदि का अपनी जगह से खिसकने व लिगामेंट के क्षतिग्रस्त होने जैसी समस्याएं होती हैं। नेशनल स्पोट्र्स डे (29 अगस्त) के मौके पर जानते हैं कि स्पोट्र्स इंजरी क्या होती है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
कसरत से पहले 5-10 मिनट वॉर्मअप एक्सरसाइज करें, ताकि मसल्स लचीली हों। 20-22त्न मामलों में ट्रेनर या कोच के न होने से चोट लगती है। यदि प्रभावित हिस्से पर सूजन व दर्द 3-4 दिन या इससे ज्यादा समय तक रहें तो डॉक्टरी सलाह लें। इसमें कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और लचीलापन आदि शामिल हैं। ये सब चोट की संभावना को कम करने में मदद करेंगे। वैकल्पिक रूप से विभिन्न मसल्स ग्रुप के लिए और हर दूसरे दिन एक्सरसाइज करें।
अगर आपको चोट लग जाती है तो जब तक आप पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाते, खेल या व्यायाम शुरू न करें। दर्द में खासतौर पर काम शुरू न करें।
व्यायाम या खेलकूद से पहले हमारा शरीर ठंडा होता है। ठंडे शरीर में जल्दी चोट लगती है। ऐसे में वार्मअप जरूरी है। पर्याप्त पानी डिहाइड्रेशन, हीटस्ट्रोक से बचाता है।
स्ट्रेचिंग, मांसपेशियों के संकुचन व परफॉर्मेंस में सुधार कर सकती हैं। चोट का जोखिम कम होता है। स्ट्रेचिंग दर्दनाक न हो, बल्कि धीरे-धीरे शुरू करें।
खेल या व्यायाम से जुड़ा हर उपकरण या प्रयोग में आने वाली चीजें सही हों, जैसे जूते। जूते सही नहीं होंगे तो ये पैर में चोट का कारण बन सकते हैं। खेल या व्यायाम की सही तकनीक जानें। थकान या दर्द की स्थिति में व्यायाम करने या खेलने को नजरअंदाज करें।
हल्की इंजरी में आरआइसीई मेथड अपनाया जाता है। इसमें आर को रेस्ट यानी आराम, आइ को आइस यानी बर्फ, सी को कम्प्रेशन यानी दबाव। ई को एलिवेशन यानि ऊंचाई के लिए जाना जाता है। अच्छे परिणाम के लिए इसे चोट के 24 से 36 घंटे के बीच अपनाया जाता है।चोट से ऐसे बचाएं शरीर का हर अंग शरीर के हर अंग के लिए अलग-अलग व्यायाम होते हैं। इन अंगों को इंजरी से बचाने के लिए कौन-कौनसी व्यायाम प्रक्रिया अपनानी चाहिए।
बैक इंजरी या कमरदर्द से बचने के लिए गर्दन, बैक और पेट की मसल्स को स्ट्रेच करना चाहिए।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।