NEWS

ISRO वैज्ञानिकों के साथ PM मोदी ने की हाई-लेवल मीटिंग, 2040 तक चांद भेजा जाएगा इंसान

गगनयान मिशन से पहले पीएम मोदी ने इसरो प्रमुख और वैज्ञानिकों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रमों के भविष्य की रूपरेखा के बारे में भी जाना।

नेहा पाठक

नई दिल्ली। इसरो चंद्रयान की ऐतिहासिक सफलता के बाद गगनयान मिशन की तैयारियों में जुट गया है। इन तैयारियों की समीक्षा के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रमों के भविष्य की रूपरेखा के बारे में भी बातचीत की।

ISRO ने पीएम मोदी के सामने गगनयान मिशन का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया जिसमें अब तक डेवेलप की गई कई टेक्नोलॉजीज जैसे मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल और सिस्टम क्वालिफिकेशन शामिल हैं। वहीं इस हाई लेवल मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो चीफ और पदाधिकारियों को लक्ष्य देते हुए वर्ष 2035 तक इंडियन स्पेश सेंटर और 2040 तक चंद्रमा की सतह पर मानव को भेजने की बात कही। PM मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से शुक्र ऑर्बिटर मिशन, मंगल लैंडर पर भी काम करने को कहा।

बैठक में ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) के 3 अनक्रूड मिशनों समेत लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है। बता दें कि इसरो 21 अक्टूबर को सुबह 8 बजे क्रू एस्केप सिस्टम टेस्ट व्हीकल की पहली प्रदर्शन उड़ान को श्रीहरिकोटा के पहले लॉन्चपैड लांच करेगा।

पीएम मोदी के साथ बैठक खत्म होने के बाद इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, ‘आज मैं ग्रामीण विकास मंत्रालय आया जहां भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) और इसरो के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनएसआरसी) के बीच यह देखने के लिए एक समझौता ज्ञापन हुआ कि वाटरशेड विकास घटक 2.0 कैसे शुरू किया जाए। यह विशेष रूप से भू-स्थानिक सूचना प्रणालियों, जीआईएस उपकरणों को देख रहा है ताकि बंजर भूमि के पुनर्ग्रहण के लिए हो रहे हस्तक्षेप के प्रभाव का मूल्यांकन किया जा सके।’

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button