गोरखपुर में CM योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में दशहरे पर निकाली जाएगी शोभायात्रा, शामिल होने वालो के बनेंगे पास
गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में दशहरे पर शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसे लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। त्रिस्तरीय सुरक्षा- व्यवस्था के बीच गोरखनाथ मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाएगी।
अखिलेश कुमार
गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर से मानसरोवर पोखरा तक मंगलवार को निकलने वाली गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री की शोभायात्रा में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। शोभायात्रा के दौरान गोरखनाथ मंदिर की तरफ चार पहिया वाहन नहीं जाएंगे। शोभायात्रा की सुरक्षा-व्यवस्था में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी एंटी ड्रोन सिस्टम लगेगा। रास्ते में पड़ने वाले 252 घरों के अंदर व छत पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी है। एडीजी जोन अखिल कुमार, कमिश्नर अनिल ढींगरा व आइजी रेंज जे. रविन्दर गौड ने शनिवार को गोरखनाथ थाने के सभागार में डीएम कृष्णा करुणेश, एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर के साथ ही सुरक्षा में लगे पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों संग बैठक की। त्रिस्तरीय सुरक्षा-व्यवस्था के बारे में जानकारी देते हुए मुस्तैदी से ड्यूटी करने के निर्देश दिए। शोभायात्रा की सुरक्षा में चार एएसपी, 15 सीओ, 19 निरीक्षक, 87 दारोगा, दो कंपनी पीएसी, एक कंपनी एसएसबी, एक कंपनी आरएएफ, एटीएस कमांडो व 503 सिपाहियों की ड्यूटी लगी है।
विजयदशमी के दिन 24 अक्टूबर को रात 9:30 बजे बसंतपुर तिराहे पर ‘राघव-शक्ति मिलन’ आयोजित किया जाएगा। राज्यसभा सदस्य डा. राधामोहन दास अग्रवाल भगवान राम व माता दुर्गा की आरती करेंगे। तैयारी चल रही है। राघव-शक्ति मिलन कमेटी के महामंत्री राकेश वर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह कार्यक्रम पूर्वांचल की अद्भुत परंपरा है। विजयदशमी के दिन बर्डघाट मैदान में रावण का वध करने के बाद जुलूस के साथ भगवान राम बसंतपुर तिराहे पर पहुंचते हैं।
दुर्गाबाड़ी की दुर्गा मां भी जुलूस के साथ विसर्जन के लिए उसी रास्ते से गुजरती हैं। बसंतपुर तिराहे पर मिलन होता है। भगवान राम, मां दुर्गा की आरती करते हैं और मां की मूर्ति को चारो तरफ घुमाकर प्रदक्षिणा कराई जाती है। कार्यक्रम को 1948 में मोहन लाल यादव, रामचंदर सैनी, मेवालाल, रघुवीर मास्टर, राधेश्याम मेढ़ व कृष्ण मुरारी यादव ने मिलकर शुरू किया था। अब वे नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा शुरू परंपरा आज भी चल रही है। गोरक्षपीठ में विजयदशमी का दिन एक और मायने में भी खास है। इस दिन यहां संतों की अदालत लगती है और दंडाधिकारी की भूमिका में गोरक्षपीठाधीश्वर होते हैं। इस वर्ष भी देर रात यह अदालत सजेगी, जिसमें योगी दंडाधिकारी बनकर संतों के विवाद का निपटारा करेंगे।
नाथपंथ की शीर्ष संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अध्यक्ष होने के नाते वह इस पद पर विभूषित होते हैं। इस आध्यात्मिक आयोजन को पात्र पूजा भी कहते हैं। अदालत सजने से पहले संतगण पात्रदेव के रूप में योगी की पूजा करते हैं। पात्र पूजा संत समाज में अनुशासन के लिए जानी जाती है।