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इन चीजों के बिना अधूरी है दिवाली पूजा, जानते हैं दिवाली पूजन से जुड़ी सारी जानकारी

दिवाली का त्योहार हर लिहाज से खास होता है। इस दिन पूजा करते वक्त एक विषेश सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं दिवाली पूजा की सारी सामग्री से बारे में।

समय टुडे डेस्क।

ल देश-विदेश में बड़े ही धूमधाम के साथ दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। इस बार दीपावली बहुत ही शुभ योग में मनाई जाएगी। दिवाली पर 5 तरह के राजयोगों का निर्माण होगा इसलिए इस बार की दिवाली बहुत ही खास रहने वाली है। दिवाली पर घरों में दीये जलाने और रोशनी करने करने का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा दिवाली की शाम और रात के प्रहर में मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली का त्योहार और मां लक्ष्मी की पूजा कार्तिक माह के अमावस्या तिथि पर प्रदोष काल और स्थिर लग्न किया जाता है।

दिवाली का त्योहार बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन होने वाली लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से सभी परेशानियों दूर हो जाती है। इस साल 12 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि आप पहले से ही पूजा की सारी सामग्री खरीद लें। आइए जानते हैं दिवाली पूजन से जुड़ी सारी जानकारी। दिवाली पूजा करते वक्त आपके पास लकड़ी की चौकी, लाल कपड़ा, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, कुमकुम, हल्दी की गांठ, रोली, पान, सुपारी, लोंग, अगरबत्ती, धूप, दीपक, लो, माचिस, घी, गंगाजल, पंचामृत, फूल, फल, कपूर, गेहूं, दूर्वा घास, जनेऊ, खील बताशे, चांदी के सिक्के और कलावा होना चाहिए।

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त
दिवाली का प्रदोष काल 05:29 बजे से रात 08:08 तक, वृषभ काल शाम 05:39 बजे से शाम 07:35 बजे तक और निशिता मुहूर्त रात 11:39 बजे से 12:32 बजे तक है। दिवाली के दिन शुभ मुहर्त में पूजा करना शुभ माना जाता है।

दिवाली पर बांटे खील और बताशे
दिवाली पर पूजा करने के बाद आपको खील बताशो को पांच हिस्सों में बांटना है। पहला हिस्सा गाय, दूसरा हिस्सा किसी जरूरतमंद, तीसरा हिस्सा पक्षियों का को, चौथा हिस्सा पीपल के पेड़ के नीचे रखें और पांचवा घर के लोगों को प्रशाद के रुप में दें।

दिवाली पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति कैसे होनी चाहिए?
इन सभी बातों के साथ-साथ आपको दिवाली पर इस बात का भी ख्याल रखना है कि लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति खंडित ना हो। बाजारों में बहुत भीड़ होती है, जिस वजह से हम टूटी हुई मूर्ति ले आते हैं। ऐसा करना गलत माना जाता है।

दिवाली के दिन दीपक जलाएं और पूरी रात घर को जगमग रखें। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान अपने भक्तों के घर पहुंचते हैं।

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा की खास बातें
1- दिवाली पर हमेशा ही प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा करनी चाहिए। प्रदोष काल वह समय होता है जब सूर्यास्त होता है, इसके बाद का मुहूर्त का प्रदोष काल का मुहूर्त कहलाता है।
2- दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा अकेले नहीं करनी चाहिए बल्कि भगवान गणेश के साथ करना चाहिए। मां लक्ष्मी की अकेले पूजा करने पर पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं। मां लक्ष्मी से भगवान गणेश की एक वरदान प्राप्त है कि जहां पर गणेश जी पूजा होगी है वहां पर मां लक्ष्मी स्थाई रूप से विराजमान होंगी।
3- दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा अवश्य करें। भगवान कुबेर को धन के भंडार यानी कोषाध्यक्ष होते हैं।
4- हर साल दीवाली पूजन में इस्तेमाल की जाने वाली लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां नई होनी चाहिए।
5- पूजा घर और मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ रोली से स्वास्तिक का निर्माण करना भी शुभ माना जाता है।

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