कंपनी की बड़ी लापरवाही आई सामने, सुरंग में 40 नहीं 41 श्रमिक है फंसे
समय टुडे डेस्क।
सिलक्यारा सुरंग में पिछले सात दिन से फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए चल रहे बचाव अभियान के तहत सुरंग में 22 मीटर तक ड्रिल के बाद काम रुक गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि ड्रिलिंग का काम कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन की बेरिंग में खराबी आ गई है, इसी कारण काम रुका है।
वहीं, एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे मलबा गिरने का खतरा है, इस कारण भी बीच में काम रोकने का निर्णय लिया गया है। दरअसल यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोलगांव तक प्रस्तावित 4.5 किमी लंबी सुरंग में भूस्खलन होने से 40 मजदूर छह दिन से फंसे हुए हैं।
मजदूरों को निकालने के लिए पहले जेसीबी आदि मशीनों से मलबा हटाया जा रहा था, लेकिन बार-बार मलबा गिरने पर सोमवार को देहरादून से ऑगर मशीन मंगाकर ड्रिलिंग शुरू की गई, लेकिन इसकी क्षमता कम होने के कारण बुधवार को दिल्ली से वायुसेना के तीन हरक्यूलिस विमानों से 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन मंगवाई गई। जिससे बृहस्पतिवार सुबह दस बजे ड्रिलिंग शुरू की गई थी, लेकिन एक पाइप को डालने में औसतन चार से छह घंटे का समय लग रहा है।
सबसे ज्यादा सावधानी दो पाइपों को आपस में जोड़ने के लिए वेल्डिंग करते समय बरतनी पड़ रही है। इस काम में ही डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है। निदेशक बोले- मशीन चलती है तो खराबी आती ही है। शुक्रवार शाम एनएचआईडीसीएल ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि मशीन के बेयरिंग में खराबी आने के कारण काम रोक दिया गया है। हालांकि शाम को प्रेसवार्ता कर एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया कि अमेरिकी ऑगर मशीन से 22 मीटर ड्रिलिंग का काम किया गया है।
सुरंग के अंदर 1750 हार्स पॉवर की ऑगर मशीन के चलने से कंपन हो रहा है। जिससे सतह का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके चलते मलबा गिरने का खतरा है। इसे ध्यान में रखते हुए अब बीच में कुछ समय रुकेंगे और फिर काम शुरू करेंगे। चौथे पाइप का दो मीटर हिस्सा वेल्डिंग के लिए बाहर छोड़ा गया है। पांचवें पाइप को वेल्डिंग कर जोड़ दिया गया है। कुछ समय बाद इसको डालने के लिए ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा। बेरिंग खराब होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब मशीन चलती है तो बेरिंग खराब होती ही है, जिसे बदला जाएगा।
नार्वे से भी कुछ विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंचे
रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड की ऑस्ट्रेलिया की कंसल्टेंसी कंपनी के विशेषज्ञ उत्तरकाशी पहुंच चुके हैं। वहीं इंदौर से एयरलिफ्ट कर मंगवाई गई मशीन देर रात जौलीग्रांट एयरपोर्ट से चली। मशीन के पार्ट्स कंडीसौड़ पहुंच गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ टनल में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिलक्यारा पहुंचे हैं।
उत्तरकाशी सिलक्या सुरंग में 40 नहीं 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। कंपनी की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सात दिन बाद इस बात की जानकारी मिली है। 41 वें श्रमिक की पहचान बिहार मुजफ्फरपुर के गिजास टोला निवासी दीपक कुमार के रूप में हुई है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि जब 41 श्रमिक का नाम सूची में सामने आया तब एनएचआइडीसीएल और निर्माण कंपनी नवयुग कंस्ट्रक्शन बड़ी लापरवाही का पता चला।