क्या कहता है कुंडली में मंगल शुक्र संयोग- जीवन में व्यभिचार या सच्चे प्रेम की अभिलाषा?
कुंडली में मंगल शुक्र युति सम्बंध जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है वह व्यक्ति को चरित्रहीन बना देता है, यह कथन पूर्णतः गलत ज्योतिषीय धारणा से युक्त है एवं अभी तक अनुचित तरीके से ही परिभाषित किया जाता रहा है। नाड़ी ज्योतिष के अनुसार, यह युति भगवान शिव एवं माँ पार्वती के सयुंक्त रूप “अर्धनारीश्वर प्रभाव से युक्त” कही गई है। लेकिन कई बार देखा गया है कि इस युति के विषय में यहां-वहां गलत अवधारणा ही लिखी पायी है। जबकि यह ग्रह संबंध व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास के विषय में महत्वपूर्ण विशेषतायें, संभावनाएँ एवं अन्य सकारात्मक पहलुओं को दर्शाता है। आजतक इस ओर किसी का ध्यानाकर्षण ही नहीं हुआ कि इस युति के विषय में गलत रूप में विवेचना को बढ़ावा ना देकर उचित तथ्यों के साथ परिभाषित किया जाये। चलिये आज हम चर्चा करते हैं मंगल शुक्र युति संबंध को लेकर कि किस तरह कोई व्यक्ति इसके प्रभाव से एक आलौकिक प्रेम की तलाश में अपने लिये संभावनाएँ खोजता है।
प्रेम के लिये समर्पित भाव— कुंडली में मंगल शुक्र संयोग व्यक्ति को सच्चे प्रेम की खोज करने के लिए विशेष रूप से प्रेरित करता है। इस युति के प्रभाव से व्यक्ति वैवाहिक रिश्ते में भी अपने साथी से गहरे लगाव, झुकाव की ही इच्छा रखता है जो वह स्वयं पर भी यही बातें लागू करता है। विशेषत: यह संयोग ऊर्जावान प्रेम सम्बंध बनाये जाने के लिए जाना जाता है। प्रेम में आगे बढ़कर भावनाएँ व्यक्त करने की पहल, किसी रिश्ते के साथ आजीवन न्याय करना, दृढ़ता से समाज की परवाह किये बिना अपने साथी का साथ निभाना, बनी बनाई रुढ़ियों, बन्धनों से परे हटकर सोचना, इनका यही व्यवहर इनको दूसरों से भिन्न करता है और इन्हीं उन्मुक्त विचारों के कारण सामने वाले को इनमें चारित्रिक अवगुण दिखने लगते हैं। जबकि यदि इसका गम्भीरता से आकलन किया जाये तो अन्य व्यक्तियों की तरह ये किसी के भी दबाव या प्रभाव में नहीं रहते हैं। जैसे लोगों को अकसर समाज के डर से अपने प्रेम सम्बंधों को छिपाकर रखते हुये देखा जा सकता है लेकिन इनके मामले में यह सब नहीं होता है। असल में इस संयोग के कारण ऐसे व्यक्ति समाज की चिंता किये बिना, बिना कुछ छिपाये मुखरता से अपने रिश्तों को स्वीकार करते हैं। यदि ये लोग एक बार किसी के साथ दिली रिश्ता जोड़ लेते हैं तो जबतक यह खुद ना चाहें कोई भी बाहरी शक्ति इनके बनाए गए सम्बंध समाप्त नहीं कर सकती। इसके अतिरिक्त भी इनके व्यक्तित्व में कई अन्य खूबियाँ शामिल होती हैं। इनके हर कार्य में पूरी निष्ठा देखी जा सकती है। चाहे वह किसी व्यक्ति का चुनाव हो या किसी चीज़ का। ऐसे व्यक्ति को आधुनिकता के नाम पर दिखावा करना पसंद नहीं होता। बल्कि ये खुद कोई ना कोई नया चलन स्थापित करने वाले होते हैं। जैसे ये एक अच्छे फैशन डिज़ाइनर, स्टाइल डेवलपर भी होते हैं और अच्छा खासा स्वादिष्ट भोजन भी बना लेते हैं। यह ग्रह संयोग एक चुम्बकीय व्यक्तित्व के साथ चेहरे और आँखों का आकर्षण भी कम नहीं देता। इनका प्रेम दिखावे से दूर रिश्तों को मजबूती प्रदान करने वाला होता है। इस मामले में इनको असीमित प्रयास करते देखा जा सकता है।
“ऐसे व्यक्ति व्यभिचार के लिए ललायित रहते हैं” यह पूर्णतः गलत धारणा है— अभीतक जो भी अनर्गल बातें इस युति के विषय में सुनी गई हैं, उनमें से यह सबसे अनुपयुक्त परिभाषा गढ़ दी गई है। इस ग्रह संयोग के सभी सकारात्मक पहलुओं को अबतक इसी आधार पर ही अनदेखा किया गया है। बल्कि इस आधार को सही मानकर कितनी कुंडलियों के गलत विश्लेषण किये गये होंगे। यह युति तबतक नकारात्मक फल नहीं देती जबतक इस पर अन्य अशुभ ग्रहों का कोई प्रभाव ना हो। यह संयोग व्यक्ति को अपनी निजी पसंद व शर्तों के अनुसार जीवन जीने की सोच देता है। जीवन के प्रति इनका दृष्टिकोण अन्य लोगों की भान्ति सामान्य नहीं होता और इनके विचार भी संकीर्णता से मुक्त होते हैं। बेहद तार्किक सोच होने के कारण ये वही करना पसंद करते हैं, जिसको ये करना ज़रूरी समझते हैं। इस प्रकार की आदतें इन्हें विशेष बनाती हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि ऐसे व्यक्ति व्यवहार में जितने मिलनसार होते हैं उतने ही खतरनाक भी, यदि निरंतर इनकी निजी पसंद या किसी निर्णय पर प्रहार किये जाते हैं तो मंगल की ऊर्जा के कारण इनका क्रोधी स्वभाव भी देखने लायक होता है। (इस ग्रह संयोग के विषय में शेष भाग अगले अंक में पढ़ें)
(नोट: यह लेख किसी भी प्रकार के सटीक निष्कर्ष पर आश्वस्त नहीं करता है एवं यह पूर्णतः ज्योतिषी के निजी शोध पर आधारित है। सटीकता के लिए व्यक्तिगत कुंडली का विश्लेषण करना अनिवार्य है।)
~ ज्योतिर्विद् अशनिका शर्मा