नेहा पाठक
नई दिल्ली। देश में दुर्लभ बीमारियों के परिजनों को आपने सोशल मीडिया पर क्राउड फंडिंग की अपील करते हुए पाया होगा। दरअसल कई दुर्लभ बीमारियां हैं जिनकी दवा लाखों और करोड़ों रुपए में आती हैं। उनके लिए अच्छी खबर है कि अब वो दवा भारत में ही बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होंगी।
दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त लोगों और उनके परिजनों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि उनकी जेब का बोझ काफी कम हो जाएगा। अब कई दुर्लभ बीमारियों की दवाइयां देश में ही बनने लगी हैं। पहले ये दवाइयां बाहर से आयातित होती थीं। दवा बाहर से आयातित होने के चलते उसकी कीमत काफी ज्यादा होती थी। अभी इन दुर्लभ बीमारियों में से छह की दवाएं 6 लाख रुपये से लेकर 2.2 करोड़ तक की आती है लेकिन ये अब काफी कम कीमत पर मिलेंगी। आइए जानते हैं कौन सी दुर्लभ बीमारियां हैं और उनपर भारत में क्या काम हुआ है?
इन दुर्लभ बीमारियों की मिलेंगी दवाएं
इन रेयर बीमारियों में टायरोसिनेमिया, गौचर, विल्सन, ड्रेवेट सिंड्रोम, फेनिलकीटोनूरिया और हाइपरअमोनमिया मुख्य हैं। इनकी दवाइयां लाखों और करोड़ो रुपये में आती हैं। इन 6 बीमारियों में से 4 की दवाइयां अब भारत में ही उपलब्ध हैं और बाकी पर मंजूरी अभी मिलनी शेष है। इनकी दवाइयां निटिसिनोन, इग्लूसेट, ट्राइनटाइन और कैनाबिडोल दवाइयां अब देश में मिलेंगी। इसमें निटिसिनोन की कीमत करोड़ों में है लेकिन यह आधे से भी कम दाम मिलेगी। इसी तरह इग्लूसेट की कीमत 3.6 करोड़ रुपये है जो 3 से 6 लाख रुपये में मिलेगी।
8 में से इन 4 दवाओं को मिली है मंजूरी
अभी देश में आठ दुर्लभ बीमारी की दवाइयों के उत्पादन पर काम हो रहा है लेकिन इनमें से चार को अभी मंजूरी मिलनी बाकी है। बाकी चार दवाइयां सैबप्रॉपटेरिन, सोडियम फेनिल बुटयेर , कैग्लूमिक और एसिड मिग्लुसेट भी अगले महीने तक मिल पाएंगी। अभी इनकी मंजूरी मिलनी बाकी है।
स्किल सेल एनीमिया की भी दवा उपलब्ध
स्किल सेल एनीमिया के लिए एकम्स भी मार्च 2024 तक आ जाएगी। इसकी कीमत सिर्फ 450 रुपये होगी। स्किल सेल एनीमिया यह बीमारी लाल रक्त कोशिकाओं में होती है। आमतौर पर लाल रक्त कोशिकाएं गोल और लचीली होती हैं। इस बीमारी में लाल रक्त कोशिकाएं सिकल्स यानी फसल काटने की दरांती या अर्ध चंद्राकार की आकार ले लेता है। इन दवाओं का अन्य देशों में निर्यात भी किया जाएगा।
राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति 2021 का मिल रहा है फायदा
आपको बता दें कि इसी साल केंद्र की मोदी सरकार ने दुर्लभ बीमारियों को लेकर बड़ा ऐलान किया था। केंद्र सरकार ने उपचार में शामिल दवाओं और विशेष खाद्य सामग्री पर सीमा शुल्क खत्म करने की अधिसूचना जारी की थी। केंद्र सरकार ने कैंसर और हार्ट से संबंधित इलाज में आने वाले दवाई और मेडिकल उपकरणों को बुनियादी सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया था। मोदी सरकार ने इसके साथ ही राष्ट्रीय दुर्लभ रोग नीति 2021 के तहत सूचीबद्ध सभी दुर्लभ बीमारियों को इसमें शामिल किया था। इसी नीति के तहत इन दुर्लभ बीमारियों की दवाओं की कीमत करने के अभियान में सफलता मिल पा रही है।