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81 करोड़ से अधिक गरीब सरकारी अन्न के मोहताज, ये आजादी का सपना नहीं था : बसपा सुप्रीमो मायावती

अनुराधा सिंह

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की और देश की वर्तमान हालत पर बयान दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्घांजलि दी। बसपी प्रमुख ने सोशल मीडिया x पर लिखा- ‘लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अति पिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा और देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित। इस अवसर पर यूपी के 12 मंडलों से बसपा कार्यकर्ता लखनऊ में जुटे। इस मौके पर उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर कहा कि लगभग 140 करोड़ की विशाल आबादी वाले भारत के गरीबों, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों, अतिपिछड़ों सहित उपेक्षित बहुजनों के मसीहा व देश के मानवतावादी समतामूलक संविधान के निर्माता भारतरत्न परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर को आज उनके परिनिर्वाण दिवस पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित।

उन्होंने आगे कहा कि किन्तु देश के 81 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज का जीवन बना देने जैसी दुर्दशा न यह आजादी का सपना था और न ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुःखद है।

देश में रोटी-रोजी के अभाव एवं महंगाई की मार के कारण आमदनी अठन्नी भी नहीं पर खर्चा रुपया होने के कारण गरीब, मजदूर, छोटे व्यापारी, किसान, मध्यम वर्ग सहित सभी मेहनतकश समाज की हालत त्रस्त व चिन्तनीय है जबकि संविधान को सही से लागू करके उनकी हालत अब तक काफी संवर जानी चाहिए थी।

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