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क्या है ‘रवांडा निर्वासन नीति’ जिसका ब्रिटिश पीएम Rishi Sunak ने किया पुरजोर समर्थन

अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले लोगों को रवांडा भेजे जाने संबंधी नीति को लेकर सुनक सरकार के भीतर भी एकमत नहीं है।

समय टुडे डेस्क।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने गुरुवार को रवांडा निर्वासन नीति (Rwanda deportation policy) का पुरजोर समर्थन किया। सुनक ने अवैध प्रवासियों को रवांडा निर्वासित करने की सरकार की विवादित नीति को लेकर अपनी ही कंजरवेटिव पार्टी में हंगामे के बीच इसे अब तक का सबसे कड़ा आव्रजन-रोधी कानून करार दिया। अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले लोगों को रवांडा भेजे जाने संबंधी नीति को लेकर सरकार के भीतर भी एकमत नहीं है। इसी कड़ी में नीति का विरोध करते हुए सुनक सरकार में कैबिनेट मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने बुधवार रात को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

भारतीय मूल के 43 वर्षीय सुनक ने अचानक बुलाई प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए खुद को ‘आप्रवासियों की संतान’ करार दिया और इस बात पर जोर दिया कि किस तरह से उनका परिवार वैध रूप से ब्रिटेन आया और ‘गौरवान्वित’ ब्रिटिश नागरिक बना। सुनक ने कहा, ‘हम नियम के अनुरूप खेलते हैं, हम अपनी बारी का इंतजार करते हैं. कुछ लोग यह सब खत्म कर सकते हैं, आपने न केवल अपनी सीमाओं पर नियंत्रण खो दिया है, बल्कि आपने उस निष्पक्षता और विश्वास को भी गंभीर रूप से कमजोर कर दिया है, जिस पर हमारा तंत्र आधारित है। ’

आव्रजन पर बढ़ते विभाजनकारी विमर्श को अपने पक्ष में मोड़ने के लिए उत्सुक सुनक ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले साल उनके कार्यभार संभालने के बाद से अवैध प्रवासियों द्वारा छोटी नावों के जरिये सीमा पार करने की घटनाओं में एक तिहाई की कमी आई है. उन्होंने विश्वास जताया कि रवांडा नीति से यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी. सुनक अपनी पार्टी के भीतर दो गुटों के बीच में फंस गए हैं।

धुर दक्षिणपंथी गुट की तरफ से पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने कानूनी चुनौतियों से पार पाने के लिए अतिवादी एजेंडे का आह्वान किया, जबकि दूसरे गुट का मानना है कि ब्रिटेन को मानवाधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। इससे पहले, ब्रिटेन के आव्रजन मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने अवैध प्रवासियों को देश से वापस भेजने की सरकार की रवांडा नीति पर ‘गहरी असहमति’ व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।

जेनरिक को हाल तक सुनक के सहयोगी के तौर पर देखा जाता था। जेनरिक ने बुधवार को कहा कि उन्होंने महसूस किया कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली द्वारा संसदीय बयान में प्रस्तुत आपातकालीन विधेयक ‘कानूनी चुनौतियों’ को समाप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है. सुनक ने उनके इस्तीफे पर कहा कि वह ‘निराश’ हैं, लेकिन पद छोड़ने का उनका तर्क ‘स्थिति की बुनियादी गलतफहमी पर आधारित’ है। जेनरिक ने निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में प्रश्नकाल के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘बेहद दुख के साथ मैंने आव्रजन मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को दे दिया है।

उन्होंने कहा, ‘सरकार की नीति को लेकर जब मेरी इतनी गहरी असहमति है तो मैं अपने पद पर नहीं बना रह सकता। ’ जेनरिक ने कहा कि इंग्लिश चैनल को पार करने वाली छोटी नौकाएं देश को ‘अनजाने में नुकसान’ पहुंचा रही हैं और सरकार को ‘राष्ट्रीय हितों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अत्यधिक विवादित बयानों से ऊपर रखने’ की जरूरत है।

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