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यूपी ललितपुर के तीन गांवों के लोगों ने पेश की पूरे देश के सामने नजीर, शत-प्रतिशत मतदान का रचा इतिहास

ललितपुर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि ग्राम प्रधान और प्रशासन की ओर से की गई पहल का बड़ा असर दिखा है और इस गांव के लोगों ने सबके सामने एक बड़ी मिसाल पेश की है।

नरेश राठौर / नौशाद अली

झांसी /ललितपुर। देश में लोकसभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं और अब सिर्फ दो चरणों का मतदान बाकी रह गया है। चुनाव आयोग, राजनीतिक दलों और विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से तमाम कोशिशों के बावजूद पिछले पांच चरणों के दौरान अपेक्षा के अनुरूप मतदान नहीं हो सका है।कई चुनाव क्षेत्रों में तो 2014 और 2019 से भी कम मतदान होने की खबर है जबकि उस समय भी भीषण गर्मी में ही मतदान हुआ था।कम मतदान की इन खबरों के बीच ललितपुर के तीन गांवों के लोगों ने शत-प्रतिशत मतदान करके पूरे देश के सामने बड़ी नजीर पेश की है।

ललितपुर के सौलदा गांव के प्राथमिक विद्यालय के बूथ संख्या 277 पर कुल 375 मतदाताओं का नाम दर्ज था। इनमें 198 पुरुष और 177 महिला वोटर शामिल थे। सुबह मतदान शुरू होने के साथ ही बुंदेली परिधानों में मतदाता नाचते-गाते बूथ पर पहुंचने लगे थे। दोपहर 12 बजे तक 374 मतदाताओं ने वोट डाल दिए थे और सिर्फ बेंगलुरु का यह युवा मतदाता ही बच गया था।दोपहर करीब एक बजे शेर सिंह यादव नामक यह युवा मतदाता भी वोट डालने के लिए पहुंचा और इसी के साथ ही गांव में शत-प्रतिशत मतदान का लक्ष्य पूरा हो गया।

मतदान के बाद शेर सिंह यादव ने बताया कि प्रशासन और ग्राम प्रधान की ओर से उनसे बार-बार मतदान की अपील की गई थी।शेर सिंह यादव पहले बेंगलुरु से फ्लाइट के जरिए भोपाल पहुंचे और फिर वहां से कार के जरिए ललितपुर के अपने गांव में पहुंचे और मतदान के दायित्व को पूरा किया। शेर सिंह के अलावा गांव के 26 अन्य लोग भी विभिन्न जनपदों से वोट डालने के लिए अपने गांव में पहुंचे।

जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी के निर्देश पर ललितपुर जिले में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से शत-प्रतिशत मतदान कराने के लिए लंबे समय से कवायद की जा रही थी। ग्रामीणों को जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए मतदान का महत्व बताकर प्रेरित किया जा रहा था। सौलदा गांव में 357 मतदाता हैं। इनमें से एक मतदाता शेर सिंह बेंगलुरु में रहते हैं। उन्हें सचिव, बीएलओ ने संपर्क किया तो वो वहां से फ्लाइट पकड़कर भोपाल पहुंचे और फिर वहां से गाड़ी के जरिए ललितपुर पहुंचे. इसके लिए उनकी सचिव, प्रधान और अन्य लोगों ने भी मदद की. इस गांव के ऐसे करीब 26 लोग थे जो लोग जिले से बाहर रह रहे थे, लेकिन मतदान करने के लिये ये सभी 20 मई को अपने गांव पहुंचे।

ललितपुर जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने खुद ही इस दावे का सच बता दिया है। डीएम ने साफ कहा है कि उन्होंने इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है। डीएम का कहना है कि मतदाता को ग्राम सचिव, लेखपाल और बीएलओ ने अपने प्रयासों से बुलाया है. डीएम ने सोशल मीडिया के दावे को गलत बताया है।

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