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बाहरी राज्यों के ‘सॉल्वर’ भरकर परीक्षा में बैठे मातृभाषा गुजराती, CBI जांच में हुई कई खुलासे

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 को रद्द कर दोबारा कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए टाल दी। पांच मई को आयोजित परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंकाओं को देखते हुए इसे रद्द करने की मांग की जा रही है।

नेहा पाठक

नई दिल्ली। मेडिकल कॉलेजों के लिए आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में कथित अनियमितताओं और पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच सीबीआई ने अहमदाबाद में विशेष अदालत को बताया कि गोधरा के केंद्र पर परीक्षा देने वालों में ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के कई अभ्यर्थी (सॉल्वर) थे, जिन्हें आरोपियों ने फॉर्म में मातृभाषा गुजराती भरने के लिए कहा था। ऐसा परीक्षा में शामिल कुछ गुजराती अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं को भरने के लिए किया गया। सीबीआइ की जांच में दो परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी सामने आई है। इन सॉल्वरों को कथित तौर पर अपना स्थायी पता पंचमहाल या वडोदरा बताने को कहा गया था।

उधर, पटना में सीबीआई ने गुरुवार को मुख्य साजिशकर्ता नालंदा के राकेश रंजन उर्फ रॉकी को गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने रॉकी को दस दिन के लिए सीबीआइ की हिरासत में दे दिया है। पेपर लीक मामले का खुलासा होने के बाद से ही वह फरार था। हिरासती पूछताछ के बाद पेश किए गए चार अन्य अभियुक्त को वापस न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

सीबीआई ने कहा कि गोधरा के दोनों परीक्षा केंद्रों का नियंत्रण एक ही संचालक के पास था। अलग-अलग राज्यों के इन सभी उम्मीदवारों से आरोपियों ने अलग-अलग लिंक के जरिए संपर्क किया था। सीबीआई ने छह आरोपियों में से पांच को हिरासत में ले लिया है, जिनमें गोधरा स्थित जय जलाराम स्कूल का मालिक दीक्षित पटेल भी शामिल है। आरोप है कि पटेल ने नीट-यूजी परीक्षा पास करने के लिए प्रत्येक छात्र से 10 लाख रुपए मांगे थे। अब तक छह प्राथमिकी दर्ज करके सीबीआई एक बड़ी साजिश के तहत अंतरराज्यीय संबंधों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। बिहार में दर्ज एफआइआर प्रश्नपत्र लीक से संबंधित हैं, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज एफआइआर अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक हलफनामा दाखिल कर शीर्ष अदालत को बताया था कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास द्वारा किए गए नीट यूजी 2024 के आंकड़ों के तकनीकी विश्लेषण से न तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के कोई संकेत मिले और न ही असामान्य अंकों से लाभान्वित होने वाले उम्मीदवारों का कोई स्थानीय समूह है।

सीबीआई पटना से गिरफ्तार रॉकी से संबंधित बिहार और पश्चिम बंगाल के चार स्थानों की तलाश ले रही है। रॉकी पेपर लीक का मास्टर माइंड समझे जा रहे संजीव मुखिया का रिश्तेदार है। पटना के शास्त्रीनगर थाने में प्रश्न-पत्र लीक होने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बाद में मामला आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया गया था। अब इसकी जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में अब तक गिरफ्तार और न्यायिक हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या 27 हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नीट-यूजी 2024 को रद्द कर दोबारा कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए टाल दी। पांच मई को आयोजित परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंकाओं को देखते हुए इसे रद्द करने की मांग की जा रही है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख मुकर्रर करते हुए कहा कि पीठ के अलावा याचिकाकर्ताओं ने भी अभी तक केंद्र सरकार और परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के हलफनामे पर गौर नहीं किया है। इसलिए मामले को 18 जुलाई के लिए स्थगित किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और एनटीए को 10 जुलाई तक जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि नीट यूजी 2024 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी। काउंसलिंग चार राउंड में होगी।

एनटीए ने अपने अलग हलफनामे में कहा कि अब तक 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से 14 उसकी शिकायत पर है। पटना और गोधरा पुलिस ने अपनी सूचना के आधार पर अलग अलग मुकदमा दर्ज किया है। एनटीए ने मई में प्रश्नपत्र सार्वजनिक होने से संबंधित टेलीग्राम वीडियो के संबंध में कहा कि वीडियो से छेड़छाड़ करते हुए झूठी धारणा बनाने के लिए ऐसा किया गया।

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