Astrology

अगले तीन महीने तक रहेगा शनि मंगल व सूर्य राहु से बना “षडाष्टक योग”। 

●शनि मंगल षडाष्टक योग— इस समय गोचर में शनि व मंगल दोनों मिलकर षडाष्टक योग बना रहे हैं। यह ज्योतिष में दुर्योग में गिना जाता है। यह 20 अक्टूबर 2024 से 21 जनवरी 2025 तक बना रहेगा। इस समय शनि कुम्भ राशि में और मंगल कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं। इस अशुभ योग का प्रभाव प्राय: सभी के लिये किसी ना किसी रूप में परेशानी, चिंता, शारिरीक, मानसिक पीड़ा, कार्य व्यवसाय में आर्थिक हानि, व्यक्तिगत जीवन में उथल-पुथल देना वाला होता है। इस अवधि में तकनीकी शिक्षा, कार्य क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय थोड़ा मुश्किल भरा रह सकता है। बिजली उपकरण, वाहन, मोबाइल, लैपटॉप गजेट्स खराब या चोरी होने के योग भी बन रहे हैं।

•अगले 3 महीने किसी ना किसी रूप में चिंताजनक स्थिति में जा सकते हैं। यह योग कुछ राशियों/लग्नों के लिए अशुभ प्रभाव दे सकता है और कुछ के लिए ये अशुभ योग मिश्रित फल के साथ फाएदा देने वाला भी हो सकता है।

•मेष, कर्क, सिंह, धनु और मीन राशि/लग्न के लिये यह योग अच्छा प्रभाव नहीं देने वाला है। इनके लिए रोग, बीमारी, चुनौती, खर्चा, वाद विवाद, दुर्घटना, चोट, अस्पताल, परिवार में कोई अशुभ समाचार जैसे अनुभव देने वाला रह सकता है। जबकि वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर और कुम्भ राशि/लग्न के लिए यह थोड़ी बहुत चुनौतियों के साथ फाएदा देने वाला रहेगा।

•इसके अतिरिक्त यह योग राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर किसी बड़ी समस्या को लेकर आयेगा। सामूहिक रूप से भी लोगों को बड़ी भयानक दुर्गति का सामना करना पड़ सकता है। जैसे- अग्नि कांड, रेल, सड़क, पहाड़ी मार्ग व वायु मार्ग से यात्रा करते समय कोई बड़ा हादसा होने की भी स्थितियां बन सकती हैं। प्राकृतिक आपदा जैसे भूस्खलन, भूकंप, समुद्री तूफान आने के योग बनेंगे।

●सूर्य राहु षडाष्टक योग— सूर्य और राहु से मिलकर बन रहे षडाष्टक योग का प्रभाव भी अगले एक महीने 16 नवम्बर 2024 तक रहेगा। इस समय सूर्य तुला राशि में और राहु मीन राशि में गोचर रहे हैं। दोनों ही ग्रह ज्योतिष में एक दूसरे के परम शत्रु माने गए हैं।

•इस एक महीने में यह योग विभिन्न प्रकार से अशुभ प्रभाव दे सकता है। जैसे- सरकारी तंत्र से हानि, सरकार से अपमान, कोई सरकारी नोटिस मिलना, सरकारी जांच बैठना, स्थानांतरण होना, सरकारी कार्य में रुकावट, सरकारी-गैर सरकारी कार्यस्थल पर विरोध होना, कानूनी दांव पेंच में उलझना, सरकारी नौकरी से जुड़े लोगों के लिए विपरित परिस्थिति को जन्म देना, प्रतिष्ठा, मान सम्मान की हानि, पिता पुत्र के सम्बंध में तनाव, पैतृक संपत्ति का नुकसान या मुकदमेबाजी, परिवार में किसी की मृत्यु (पुरुष व्यक्ति दादा, चाचा आदि) का समाचार मिलना, किसी बात का खुलासा होने से सामाजिक छवि बिगड़ने जैसे हालात बनने की सम्भावना है।

●इस अवधि में करें ये उपाय— पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से इस योग से मिलने वाले दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। मंगलवार के दिन शाम के समय पांच पीपल या पान के पत्तों पर लाल सिन्दूर से श्री राम का नाम लिखकर बजरंगबली को माला पहनायें व शनिवार को संध्या काल में एक सरसो के तेल का दीपक शनि देव के मंदिर में भी जलाएँ।

अशनिका शर्मा

आचार्या- ज्योतिर्विज्ञान।

Related Articles

Back to top button