बाबा बागेश्वर ने महाकुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री को लेकर दिया बड़ा बयान
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि महाकुंभ में गैर हिंदुओं को प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ।
समय टुडे डेस्क। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि महाकुंभ में गैर हिंदुओं को प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। शास्त्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि जो लोग सनातन परंपरा को नहीं जानते, इसकी विचारधारा को नहीं समझते, संतों की महिमा को नहीं जानते, वे संतों का क्या सम्मान करेंगे? शास्त्री ने कहा कि बीते दिनों में कई जगह शोभायात्राओं पर पथराव किया गया, राम को काल्पनिक बताया गया, देवी पंडालों में आग लगाई गई और इससे यह सिद्ध होता है कि यह लोग सनातन विरोधी हैं।
बता दें कि, बालाजी हनुमान मंदिर के भूमि पूजन के लिए पंडित धीरेंद्र शास्त्री कवर्धा पहुंचे। महाकुंभ में दुकान अलॉटमेंट को लेकर साधुओं की मांग पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा उचित ही है। गैर सनातनी जो सनातन परंपरा को नहीं जानते वह संतों का क्या सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि, थूक कांड और पंडालों में आग जैसी प्रायोजित घटनाओं से पता चलता है कि, वह एंटी सनातन है, उन्हें सनातन से दिक्कत है। जो राम को नहीं मानते उन्हें राम के काम से क्या काम। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम। गैर हिन्दुओं को दुकान न दिया जाए क्योंकि जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में पता हो, पूजा-पाठ और सामग्री की शुद्धता के बारे में पता हो उन्हें ही यह काम दिया जाना चाहिए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में नहीं पता अगर वे इसके लिए काम करेंगे तो निश्चित ही नाश करेंगे। इसलिए गैर हिन्दुओं के लिए महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए।
कवर्धा में बन रहे बालाजी मंदिर को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के विकास और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए साथ ही भेदभाव मिटाने, लोगों को अंधविश्वास से बचाने के उद्देश्य से बागेश्वर बालाजी का मंदिर बनाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा के साथ मंदिर का भूमिपूजन करेंगे। मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी फिर वहां से कांकेर जाएंगे।
अगर हम बटेंगे तो निश्चित ही कटेंगे- पं. धीरेंद्र शास्त्री
बटेंगे तो कटेंगे के बयान पर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि, अगर हम बटेंगे तो निश्चित ही कटेंगे। अगर सारे हिन्दू एक साथ रहेंगे तो हमें कोई भी नहीं तोड़ सकता। जब हम सब एक हो जाएंगे तो उन्हें उनकी नानी याद आ जाएगी। हमें याद रखना चाहिए कि, 300 अंग्रेजों ने हमारी 40 करोड़ की जनता को गुलाम बनाया था। अगर हमने एक-एक पत्थर भी मारा होता तो हम गुलाम नहीं बनते।
महाकुंभ पर संतों की मांग से मुस्लिम क्यों बेचैन?
हालांकि अब तक के सबसे भव्य और दिव्य महाकुंभ के आयोजन से मुसलमानों को दूर रखने की संत समाज की मांग से मुसलमान बेचैन हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन बरेलवी ने कहा कि अफसोस की बात ये है और हैरतनाक भी है कि कुंभ में मुसलमान की दुकान नहीं लगाई जाएगी. महाकुंभ की इकोनॉमी जिसके अरबों के होने की बात बताई जा रही है, उससे मुसलमानों को कुछ नहीं मिलेगा. ये बात मुसलमानों को हजम नहीं हो रही.
प्रयागराज के मुसलमान व्यापारी इस बात से सदमे में हैं. उनका कहना है कि इससे उनका व्यापार घटकर आधे से भी कम रह जाएगा. वहीं मुस्लिम धर्मगुरुओं को लगता है आजकल मुसलमानों पर पाबंदियों का दौर चल रहा है. मुस्लिम धर्म गुरू काजी अनस अली ने कहा, ‘मुसलमान को नमाज पढ़ने नहीं दी जा रही. मुसलमान को कुछ काम नहीं करने दिया जा रहा मुसलमान जाए तो जाए कहां.अब मुसलमान महाकुंभ में व्यापार करना चाहता है तो वह भी नहीं करने दिया ज रहा.’ लेकिन इस बीच संत समाज महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर बैन लगाने पर अड़ा है।
महाकुंभ 2025 इतना दिव्य और भव्य होने वाला है जिसकी कल्पना अभी नहीं की जा सकती. लेकिन इस महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री बैन करने का संत समाज के निर्णय और मांग पर पूरे देश में चर्चा शुरू हो गई है. महाकुंभ की महा इकोनॉमी से मुसलमानों को वंचित रखने के आरोप लग रहे हैं तो दूसरी ओर साधु सन्यासियों के अपने फैसले के बचाव में अलग तर्क हैं. अखाडा परिषद इस बात पर अड़ी है कि महाकुंभ में मुसलमानों को दुकान आवंटित ना की जाए।