इच्छा मृत्यु की गुहार के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा –नियुक्तियों की होगी निष्पक्ष जाँच”

- अंकित बाजपई
कानपुर नगर। मर्चेंट चेंबर, सिविल लाइंस में आयोजित यूनाइटेड मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक की स्वर्ण जयंती का कार्यक्रम 31 अगस्त 2025 को अचानक चर्चा का विषय बन गया। इस दौरान ब्रह्मानंद कॉलेज के पूर्व संविदा कर्मचारी शशांक शुक्ला ने मंच से उतरकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के चरणों में बैठते हुए “इच्छा मृत्यु” की अनुमति माँग ली।
रविवार को शशांक ने महाना से फिर मुलाकात कर ब्रह्मानंद कॉलेज में वर्ष 2024-25 की कथित फर्जी नियुक्तियों से जुड़ी रिकॉर्डिंग वाली एक पेन ड्राइव भी सौंपी।
उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य एवं बैंक के पूर्व चेयरमैन डॉ. विवेक द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि—
- 2013 में प्राचार्य ने अपने भाई की नियुक्ति कर दी, जबकि उसी पद के लिए उनसे पैसा लिया गया था।
- वर्ष 2024 में 15 से 32 लाख रुपये लेकर कई फर्जी नियुक्तियाँ की गईं।
- विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमकियाँ दी गईं।
इस पूरे मामले को गंभीर बताते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि शासन को निर्देश दिए गए हैं कि ब्रह्मानंद कॉलेज की सभी नियुक्तियों की निष्पक्ष और गहन जाँच कराई जाए। महाना ने स्पष्ट कहा— “युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा, सच्चाई सामने आकर रहेगी।”
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि यदि जाँच ईमानदारी से हुई तो यह प्रकरण शिक्षा जगत में फैले भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर कड़ी कार्रवाई का रास्ता खोल सकता है।

जनता दर्शन: समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन
इसी बीच कानपुर स्थित अपने कैंप कार्यालय में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान लोगों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने नागरिकों की समस्याएँ सुनीं और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर शिकायत का समाधान तेजी और पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किया जाए।



