Editorial / Opinion

“ऑपरेशन महाकाल से थर्राए अपराधी: पत्रकार, अधिवक्ता और पुलिस तक पर चला कमिश्नर का हंटर”

  • दिव्या पाण्डेय

कानपुर नगर। अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए मशहूर कानपुर के पुलिस आयुक्त अखिल कुमार इन दिनों पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बने हुए हैं। 1994 बैच के यूपी कैडर के यह सख्त छवि वाले आईपीएस अफसर अपने बेखौफ एक्शन के कारण पहचाने जाने लगे हैं।

शहर में अपराध और अवैध गतिविधियों के खिलाफ चलाए गए उनके हंटर से अपराधियों के साथ-साथ अवैध कार्यों में लिप्त पत्रकार, अधिवक्ता और कुछ पुलिसकर्मी तक थर्राने लगे हैं।

अवैध कामों में शामिल पत्रकारों पर गिरी गाज
कानपुर में कुछ कथित पत्रकार अवैध कार्यों में लिप्त थे। जमीन कब्जाने और रंगदारी जैसे मामलों में पीड़ितों की शिकायतों के बाद आयुक्त अखिल कुमार ने कार्रवाई कर इन पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। इस कार्रवाई के बाद पूरे शहर में चर्चा शुरू हो गई कि अब अपराधियों के किसी भी रसूखदार ठिकाने पर शिकंजा कसना तय है।

अधिवक्ताओं और पुलिस पर भी कसा शिकंजा
पत्रकारों के बाद बारी अधिवक्ताओं और उनके गठजोड़ की आई। चर्चित अधिवक्ता दीनू उपाध्याय और उनके साथियों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया। इसी क्रम में ‘ऑपरेशन महाकाल’ के तहत चर्चित वकील अखिलेश दुबे को भी गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई से कई पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि दुबे के साथ उनकी सांठगांठ सामने आई। नतीजतन कई सीओ और एसओ पर जांच के आदेश दिए गए और मुकदमे दर्ज हुए।

ट्रांसफर की चर्चा
चर्चित कार्रवाइयों के बीच यह खबर आई कि आयुक्त अखिल कुमार को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा जाएगा, जहाँ उन्हें सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन डिजीटल इंडिया कॉर्पोरेशन का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। हालांकि अभी वे कानपुर में ही तैनात हैं और उनकी सख्त छवि अपराधियों के लिए खौफ का सबब बनी हुई है।

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