PCOD सिर्फ पीरियड्स तक सीमित नहीं, हार्मोन्स को मैनेज करने के लिए अपनाएं ये आसान हैक्स

पीसीओडी (Polycystic Ovarian Disease) को अक्सर लोग सिर्फ पीरियड्स की समस्या या फर्टिलिटी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन इसका असर महिलाओं के शरीर पर इससे कहीं ज्यादा होता है। हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, मूड स्विंग्स, स्किन प्रॉब्लम्स और यहां तक कि शुगर क्रेविंग्स जैसी परेशानियां भी बढ़ जाती हैं।
डाइटिशियन मनप्रीत, जो दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन में मास्टर्स कर चुकी हैं और रीबूट गट हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड की फाउंडर व डायरेक्टर हैं, बताती हैं कि सही डाइट और लाइफस्टाइल अपनाकर हार्मोन्स को बैलेंस किया जा सकता है और पीसीओडी के लक्षणों को रिवर्स किया जा सकता है।

जानिए पीसीओडी मैनेजमेंट के 7 आसान हैक्स:
- मैग्नीशियम रिच फूड्स – नट्स, सीड्स और पालक जैसे फूड्स हार्मोन्स को बैलेंस करने और इंसुलिन रेजिस्टेंस कम करने में मददगार हैं।
- हर्ब्स का सेवन – स्पियरमिंट टी एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करती है और पीसीओडी के लक्षणों को कंट्रोल करने में फायदेमंद है।
- डाइट में बैलेंस – हर मील में कॉम्पलेक्स कार्ब्स और लीन प्रोटीन जरूर शामिल करें। रिफाइंड शुगर से दूरी बनाना बेहद जरूरी है।
- ग्रीन टी और लेमन टी – शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती हैं और मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करती हैं।
- स्लीप साइकिल मैनेज करें – पर्याप्त नींद न लेना और स्ट्रेस, हार्मोनल इंबैलेंस को और बढ़ा सकता है।
- प्राणायाम और योग – स्ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) को कंट्रोल करने में मदद करते हैं, जिससे अन्य हार्मोन्स भी बैलेंस रहते हैं।
- लाइफस्टाइल चेंज – नियमित रूटीन और हेल्दी फूड हैबिट्स अपनाकर पीसीओडी के लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पीसीओडी में सबसे अहम है हार्मोनल बैलेंस पर ध्यान देना। सही डाइट, तनाव प्रबंधन और हेल्दी लाइफस्टाइल से महिलाएं इस समस्या को बेहतर तरीके से संभाल सकती हैं।



