मिलावटखोरों पर कसेगा शिकंजा, DM जितेंद्र प्रताप सिंह ने अफसरों को लगाई फटकार

डीएम बोले कि खाद्य सामग्री सीधे लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी है। अनजाने में जनता घटिया सामान खाकर बीमार हो रही है। इसे रोकना खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का कर्तव्य है।
- प्रियंका द्विवेदी
कानपुर नगर। जिला स्तरीय खाद्य सुरक्षा समिति की बैठक में शनिवार को डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने मिलावटखोरी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में हुई बैठक में डीएम ने साफ कहा कि अब अधोमानक और मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
20 से अधिक अधिकारी खाली हाथ
बैठक में जब जिलाधिकारी ने जोनवार सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों (FSO) से एक साल के कामकाज की जानकारी मांगी तो 20 से अधिक अधिकारी कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं बता सके। इस पर डीएम भड़क उठे और सख्त फटकार लगाई।
मिलावट के गंभीर मामले
डीएम ने बताया कि लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि:
- समोसे एक ही तेल में बार-बार तले जा रहे हैं।
- चाइनीज फास्ट फूड में अजीनोमोटो का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है।
- मोमोज की चटनी, फिंगर चिप्स और बिरयानी में आर्टिफिशियल कलर तय सीमा से अधिक मिलाए जा रहे हैं।
- फलों को पकाने में खतरनाक रसायन इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
उन्होंने निर्देश दिए कि सैंपलिंग खानापूर्ति न हो, बल्कि टारगेटेड इनफॉरमेशन के आधार पर असली मिलावटखोरों पर कार्रवाई हो। छोटे दुकानदारों को परेशान न किया जाए।
खराब प्रदर्शन करने वाले FSO पर गाज
जिलाधिकारी ने विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि 25 तैनात अधिकारियों में से कई का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक है। उन्होंने आदेश दिया कि सबसे खराब काम करने वाले पांच FSO की सूची बनाई जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव एडीएम (नगर) पेश करें।
स्वास्थ्य पर खतरा
डीएम ने चेताया कि बार-बार तले गए तेल से कैंसरकारक तत्व पैदा हो जाते हैं और लोग अनजाने में गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने खाद्य कारोबारियों को हाइजीन प्रैक्टिस अपनाने और मानक के अनुरूप खाद्य सामग्री बेचने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया।
सैंपलिंग और वसूली के आंकड़े
- अप्रैल से अगस्त तक 1075 खाद्य नमूने लिए गए।
- इनमें से 545 रिपोर्ट आईं और 230 नमूने फेल पाए गए।
- कोर्ट ने मिलावटखोरों पर 1.02 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया, लेकिन केवल 13.52 लाख की वसूली हो सकी।
- विभाग ने 152 मामलों में 72.90 लाख रुपये की आरसी जारी की, मगर वसूली सिर्फ 2.25 लाख रुपये की ही हुई।
इस पर डीएम ने नाराजगी जताई और कहा कि जुर्माने की पूरी रकम वसूली जाए और दोषियों का कारोबार बंद कराया जाए।
जागरूकता अभियान पर जोर
डीएम ने निर्देश दिए कि हाइजीन प्रैक्टिसेज और कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाए। रेस्टोरेंट व विक्रेताओं को स्वच्छता नियम बताए जाएं और आम जनता को भी मिलावटी वस्तुओं की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
बैठक में एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा संजय प्रताप सिंह सहित समिति के अन्य अधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।



