Editorial / Opinion

संघर्ष से सफलता तक: मथुरा के किसान बेटे से CM योगी के सचिव बने IAS सुरेंद्र सिंह

मुख्यमंत्री कार्यालय में आईएएस सुरेंद्र सिंह के अलावा अमित सिंह और सूर्यपाल गंगवार भी सचिव के पद पर कार्यरत हैं। प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह की नियुक्ति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विश्वसनीय टीम को और मजबूती प्रदान करेगी।

  • सौरभ शुक्ला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम का अहम हिस्सा बन गए हैं। केंद्र सरकार में तीन साल की प्रतिनियुक्ति पूरी करने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। यह उनका सीएम योगी के साथ दूसरा कार्यकाल है।

साधारण परिवार से प्रशासन के शीर्ष तक
15 अगस्त 1978 को मथुरा जिले के जोधपुर गांव में एक गरीब किसान परिवार में जन्मे सुरेंद्र सिंह का बचपन संघर्षों से भरा रहा। उनके पिता हरी सिंह खेती-बाड़ी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे। कई बार आर्थिक तंगी के कारण परिवार को भूखा सोना पड़ता था। पढ़ाई के साथ-साथ सुरेंद्र पिता के साथ खेतों में काम करते थे। उनके पिता का सपना था कि बेटा कलेक्टर बने — और सुरेंद्र ने वही सपना साकार किया।

गांव से दिल्ली और फिर सिविल सर्विस तक
गांव के प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई शुरू कर सुरेंद्र सिंह दिल्ली पहुंचे, जहां उनके बड़े भाई जितेंद्र सिंह शिक्षक थे। वहां से इंटरमीडिएट करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से बीएससी और एमएससी की पढ़ाई की और एमएससी में गोल्ड मेडलिस्ट बने।

पढ़ाई के दौरान उनका चयन एयरफोर्स और ओएनजीसी में हुआ, लेकिन उन्होंने इन नौकरियों को ठुकराकर आईएएस बनने का लक्ष्य तय किया। तीन बार पीसीएस परीक्षा पास करने के बाद भी उन्होंने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी। अंततः वर्ष 2005 में उन्होंने 21वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।

सख्त, पारदर्शी और परिणामोन्मुख अधिकारी
सुरेंद्र सिंह अपनी सख्त कार्यशैली, पारदर्शिता और परिणामोन्मुख दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। वे मेरठ मंडल के मंडलायुक्त, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (GNIDA) के सीईओ और वाराणसी, कानपुर नगर, बरेली, मुजफ्फरनगर व प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी रह चुके हैं। हर पद पर उन्होंने उत्कृष्ट कार्यशैली की मिसाल पेश की।

कोविड-19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिव और सचिव के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने संकट प्रबंधन और राहत कार्यों में उल्लेखनीय योगदान दिया। दिल्ली में प्रतिनियुक्ति के दौरान वे उपराज्यपाल (LG) के सचिव रहे और शहरी प्रशासन व नीति-निर्माण में अहम अनुभव प्राप्त किया।

पुरस्कार और सम्मान
सुरेंद्र सिंह को 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान फिरोजाबाद में उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘बेस्ट इलेक्शन प्रैक्टिस अवॉर्ड’ मिला। इसके अलावा, मनरेगा के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सम्मानित किया।

सादा जीवन, ऊंचे विचार
मेरठ निवासी गरिमा सिंह से विवाह करने वाले सुरेंद्र सिंह की दो बेटियां हैं। ऊंचे पद पर होने के बावजूद वे आज भी सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं। वे कहते हैं, “अगर आप सपना देखते हैं, तो उसे पूरा करने की मेहनत भी आपको ही करनी होती है।”

संघर्ष, मेहनत और ईमानदारी से अपने लक्ष्य तक पहुंचने वाले आईएएस सुरेंद्र सिंह आज उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं जो कठिनाइयों से घबराते हैं। मुख्यमंत्री योगी के सचिव के रूप में उनकी वापसी को शासन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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