ब्रिटेन के साथ भारत की साझेदारी विश्वसनीयता, प्रतिभा और प्रौद्योगिकी से प्रेरित: प्रधानमंत्री मोदी

- नीलम पाठक
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई में अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा कि भारत और ब्रिटेन की साझेदारी विश्वसनीयता, प्रतिभा और प्रौद्योगिकी से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि भारत की गतिशीलता और ब्रिटेन की विशेषज्ञता मिलकर एक अद्वितीय तालमेल का निर्माण करती हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही हैं।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री स्टारमर के नेतृत्व में भारत-ब्रिटेन संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने इस वर्ष जुलाई में लंदन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (CETA) को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह समझौता दोनों देशों के लिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीईटीए समझौते से आयात लागत कम होगी, युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और व्यापार में तेजी आएगी। इससे भारत के उद्योगों और उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि समझौते पर हस्ताक्षर के कुछ ही महीनों के भीतर प्रधानमंत्री स्टारमर की भारत यात्रा, जिसमें ब्रिटेन का अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल है, इस साझेदारी में नए जोश का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी घोषणा की कि भारत में ब्रिटिश विश्वविद्यालय अपने नौ परिसरों (कैंपस) की स्थापना करेंगे। उन्होंने बताया कि साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय का गुरुग्राम परिसर पहले ही शुरू हो चुका है और पहले बैच के छात्रों ने नामांकन भी कर लिया है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं, क्योंकि दोनों देशों के संबंध लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे साझा मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में भारत-यूके साझेदारी स्थिरता और आर्थिक प्रगति का मजबूत स्तंभ बनी हुई है। दोनों नेताओं ने बैठक में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता, तथा यूक्रेन संघर्ष जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांति बहाल करने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा सहयोग पर बात करते हुए कहा कि दोनों देशों ने सैन्य प्रशिक्षण में सहयोग के लिए एक नया समझौता किया है। इसके तहत भारतीय वायु सेना के फ्लाइंग प्रशिक्षक ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स में प्रशिक्षक के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटेन भारतीय वायु सेना के उड़ान प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण देने में सहायता करेगा।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक उद्योग संघ और आपूर्ति श्रृंखला वेधशाला (Supply Chain Observatory) स्थापित करने की घोषणा की। इस वेधशाला का एक उपग्रह केंद्र झारखंड के धनबाद स्थित भारतीय खनन विद्यालय (ISM Dhanbad) में स्थापित किया जाएगा।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री स्टारमर ने मुंबई में प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक की। अपनी यात्रा के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टारमर ने भारतीय उद्योगपतियों और व्यापारिक प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और भारत-ब्रिटेन व्यापार साझेदारी को “वास्तव में महत्वपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा कि यह ब्रिटेन का अब तक का सबसे बड़ा व्यापार मिशन है और यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस वर्ष की ब्रिटेन यात्रा के बाद “वापसी यात्रा” के रूप में एक नए अध्याय की शुरुआत है।



