टीवी देखते और जंक फूड खाते बच्चे हो रहे मोटे — ग्रो इंडिया सोसाइटी के अध्ययन में खुलासा

डॉ. अनुराग बाजपेई ने बताया कि मोटापा बच्चों में कोलेस्ट्रॉल, फैटी लिवर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि यदि जीवनशैली में बदलाव नहीं किया गया तो आने वाले समय में स्थिति और अधिक चिंताजनक हो सकती है।
- विजय कुमार
कानपुर नगर। बदलती जीवनशैली और खानपान की गलत आदतें बच्चों में मोटापे की बड़ी वजह बन रही हैं। ग्रो इंडिया सोसाइटी द्वारा किए गए एक अध्ययन में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं — 31 प्रतिशत बच्चे मोटापे से पीड़ित पाए गए हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या लड़कियों और आठवीं कक्षा के छात्रों की है।
रविवार को सिविल लाइंस स्थित राजेंद्र स्वरूप सभागार में आयोजित “10वां ग्रो इंडिया दिवस” कार्यक्रम में हार्मोन संबंधी रोगों से पीड़ित बच्चों पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों से लगभग 200 बच्चों ने भाग लिया।
ग्रो इंडिया सोसाइटी के डॉ. अनुराग बाजपेई ने बताया कि संस्था ने अब तक 15 विद्यालयों के कक्षा 5 से 8 तक के 7200 छात्रों के शारीरिक विकास और जीवनशैली का अध्ययन किया है। इस शोध में पाया गया कि 78 प्रतिशत बच्चे टीवी या मोबाइल स्क्रीन देखते हुए खाना खाते हैं, जिससे वे आवश्यकता से अधिक भोजन कर लेते हैं।
उन्होंने बताया कि 70 प्रतिशत बच्चे छुट्टियों में दो घंटे से अधिक समय तक टीवी या मोबाइल देखते हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधियाँ कम हो जाती हैं। अध्ययन में पाया गया कि बच्चों में मोटापे के मुख्य कारण जंक फूड का अत्यधिक सेवन, टीवी देखते हुए खाना और शारीरिक परिश्रम की कमी हैं।
दिल्ली से आए डॉ. पी.एस. मैनन ने कहा कि खेल-कूद और व्यायाम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि सक्रिय जीवनशैली से बच्चों को मोटापे सहित कई रोगों से बचाया जा सकता है।
वहीं, डॉ. रश्मि कपूर ने कहा कि बच्चों में मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो बहुत कम उम्र में डायबिटीज, फैटी लिवर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियाँ सामने आने लगती हैं।
कार्यक्रम के दौरान ग्रो इंडिया सोसाइटी ने विद्यालयों के सहयोग से “फैट टू फिट” प्रोजेक्ट लॉन्च करने की घोषणा की, जिसके तहत छात्रों को स्वस्थ खानपान, योग और नियमित व्यायाम के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. अतुल कपूर रहे। कार्यक्रम में डॉ. आर.एन. चौरसिया, डॉ. ऋषि शुक्ला, डॉ. यूथिका बाजपेई, डॉ. विभा, उमेश नरूला, अश्वनी कोहली, शिक्षिकाएँ और कई अभिभावक मौजूद रहे।



