हैलट अस्पताल में एआई रोबोट से होगा मरीजों का पुनर्वास, स्ट्रोक और रीढ़ की सर्जरी के बाद की कमजोरी होगी दूर

- मनीष कुमार
कानपुर नगर। चिकित्सा सेवाओं में तकनीकी नवाचार का एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। हैलट के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड पीजीआई में अब मरीजों का पुनर्वास आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) युक्त रोबोट के माध्यम से किया जाएगा। अस्पताल के फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (पीएमआर) विभाग में करीब 80 लाख रुपये मूल्य के आधुनिक उपकरण मंगाए गए हैं, जिनकी स्थापना की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
पीएमआर विभाग में यह एआई-युक्त रोबोट ब्रेन स्ट्रोक, पक्षाघात, सिर या रीढ़ की चोट, मस्तिष्क की सर्जरी, स्पाइनल कॉर्ड की समस्या और हड्डी टूटने के बाद की कमजोरी से जूझ रहे मरीजों को सटीक व्यायाम कराएगा। यह रोबोट मरीज की मांसपेशियों की वास्तविक स्थिति को परखकर उसकी जरूरत के अनुरूप व्यायाम तय करेगा, जिससे पारंपरिक तरीकों की तुलना में तेज़ और सटीक सुधार संभव होगा।
न्यूरो साइंसेज विभाग के प्रमुख एवं पीजीआई के नोडल अधिकारी डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि पीएमआर विभाग में पुनर्वास सेवाओं को अत्याधुनिक बनाने के लिए लगातार संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “रोबोट की मदद से मरीजों के हाथ-पैर की मांसपेशियों की कमजोरी दूर करने में मदद मिलेगी। यह तकनीक मानव चूक की संभावना को खत्म कर देगी और प्रत्येक मरीज को व्यक्तिगत रूप से उपयुक्त व्यायाम कराएगी।”
डॉ. सिंह ने बताया कि विभाग में एक अलग वार्ड भी बनाया गया है, जहां मरीजों को भर्ती कर नियमित पुनर्वास उपचार दिया जाएगा। पुनर्वास पूरा होने के बाद विशेषज्ञ टीम मरीजों को उनके स्वास्थ्य और क्षमता के अनुसार उपयुक्त व्यवसायिक प्रशिक्षण और योजनाओं की जानकारी भी देगी, ताकि वे आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।
एआई-आधारित यह सुविधा हैलट अस्पताल को न केवल कानपुर बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा केंद्र बना देगी, जहां रोबोटिक तकनीक से पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध होंगी।



