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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्लाउड सीडिंग का प्रयोग, चार घंटे में बारिश की उम्मीद

  • नेहा पाठक

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार दोपहर राजधानी के विभिन्न इलाकों में कृत्रिम वर्षा (क्लाउड सीडिंग) की प्रक्रिया शुरू की। यह पहल बढ़ते प्रदूषण स्तर को कम करने और वातावरण को स्वच्छ बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन आईआईटी कानपुर की देखरेख में किया गया, जिसमें सिल्वर आयोडाइड और नमक आधारित फ्लेयर्स से लैस सेसना विमान का इस्तेमाल हुआ। खराब दृश्यता के कारण यह प्रक्रिया तय समय दोपहर 12:30 बजे से थोड़ी देर बाद शुरू हुई।

आईआईटी कानपुर की टीम ने बताया कि विमान मेरठ की दिशा से दिल्ली में प्रवेश किया और इस दौरान खेकड़ा, बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग और मयूर विहार क्षेत्रों को कवर किया गया। क्लाउड सीडिंग में आठ फ्लेयर्स का उपयोग हुआ, जिनका वजन 2 से 2.5 किलोग्राम के बीच था। यह प्रक्रिया करीब आधे घंटे तक चली, और हर फ्लेयर लगभग 2 से 2.5 मिनट तक सक्रिय रहा।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि यह दूसरा परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हुआ है, जबकि तीसरा ट्रायल आज देर शाम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आईआईटी कानपुर का अनुमान है कि क्लाउड सीडिंग के चार घंटे के भीतर बारिश हो सकती है। अगर परिणाम संतोषजनक रहे, तो फरवरी तक के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाएगी, जिसके तहत हर दिन नौ से दस परीक्षण उड़ानें संचालित की जाएंगी।

क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया में नमी वाले बादलों में विशेष कण — जैसे सिल्वर आयोडाइड या नमक आधारित यौगिक — छोड़े जाते हैं, जिससे बादलों में पानी की बूंदें बड़ी होकर वर्षा का रूप ले लेती हैं।

इस बीच, दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार मंगलवार दोपहर 1 बजे तक राजधानी का एक्यूआई (AQI) 304 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
शहर के कई निगरानी केंद्रों पर स्थिति चिंताजनक रही — आनंद विहार (311), आरके पुरम (316), सिरी फोर्ट (347), बवाना (334), बुराड़ी क्रॉसिंग (319), द्वारका सेक्टर 8 (311), मुंडका (318), नरेला (302) और पंजाबी बाग (313) सभी स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।

इस कृत्रिम वर्षा अभियान से उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली की जहरीली हवा में कुछ राहत मिलेगी और प्रदूषण स्तर में अस्थायी रूप से गिरावट आएगी।

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