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बीमारी की जानकारी के लिए 60 से अधिक बार गूगल सर्च करता रहा छात्र, तनाव में उठाया खौफनाक कदम

  • ऋषभ कुमार

कानपुर नगर। कानपुर में 11वीं के छात्र आरव मिश्रा (16) की आत्महत्या से शहर में सनसनी फैल गई। पुलिस जांच में सामने आया कि आरव पिछले एक साल से मानसिक बीमारी सिज़ोफ्रेनिया के लक्षणों से परेशान था और उसने बीमारी के बारे में 60-65 बार गूगल पर सर्च किया था। वह बिना परिवार को बताए लगातार लक्षणों और इलाज की जानकारी इंटरनेट से जुटाता रहा।

कोहना थाना प्रभारी विनय तिवारी ने बताया कि जांच में आरव के मोबाइल से कई बार बीमारी से जुड़ी सर्च हिस्ट्री मिली है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वह लंबे समय से मानसिक तनाव में था। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है।

मां-बेटी की चीखें गूंज उठीं, परिवार में मचा कोहराम

पोस्टमार्टम हाउस से शव घर पहुंचते ही माहौल बेहद गमगीन हो गया। मां दिव्या और बहन मान्या बेटे का शव देखकर फफक पड़ीं। बिलखती मां बार-बार पुकारती रहीं—

“अरे हम क्यों चले गए थे तुम्हें अकेले छोड़कर… लौट आओ बेटे, हम किसके सहारे जिएंगे…”

दादी नीलम मिश्रा को भी परिजनों और पड़ोस की महिलाओं ने संभाला। कुछ देर शव घर पर रखा गया, फिर परिवारजन उसे लेकर भैरों घाट पहुंचे।

पिता बदहवास, स्कूल में शोक की लहर

इकलौते बेटे की मौत की खबर सुनकर पिता आलोक मिश्रा बदहवास हो गए और बार-बार बेटे का नाम बुदबुदाते रहे। कल्याणपुर विधायक नीलिमा कटियार ने पहुंचकर शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी।
स्कूल में भी गहरा शोक छा गया। द जैन इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं और शिक्षक अवाक रह गए। सहपाठियों के मुताबिक, आरव ने कभी अपनी परेशानी किसी से साझा नहीं की थी।

प्रतिभाशाली छात्र और तैराक था आरव

आरव स्टेट लेवल का स्विमिंग खिलाड़ी था और हाईस्कूल में उसने 97 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। बहन मान्या भी स्कूल की टॉपर रही है। परिवार मूल रूप से पुराना कानपुर (रानीघाट) में रहता है।

परिजनों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, आरव के पिता आलोक मिश्रा के मामा लगते हैं। दीपावली पर आरव ने अपनी बहन को सुसाइड नोट में लिखी बातें बताई थीं, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद तनाव में था।

छठ पूजा के लिए घर से बाहर थे माता-पिता

दीपावली के बाद घर में छठ पूजा की तैयारी चल रही थी। इसी बीच माता-पिता भागलपुर चले गए थे। सोमवार शाम घर पर केवल दादी और आरव थे। जब दादी ने उसे आवाज दी और कोई जवाब नहीं मिला, तो पड़ोसी परमिंदर चंद्रा की मदद से दरवाजा तोड़ा गया। अंदर आरव का शव फंदे से लटका मिला।

अंग्रेजी में मिला सुसाइड नोट

फॉरेंसिक टीम को आरव की जेब से कागज का टुकड़ा और मोबाइल में नोटपैड मिला। उसमें अंग्रेजी में लिखा था कि “चेहरे कहते हैं कि खुद जान दे दो या मां-बाप और बहन को मार दो।”
पुलिस ने मोबाइल जब्त कर लिया है। फिलहाल परिजनों ने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया है।

पूरे शहर में शोक और सवाल

आरव की आत्महत्या ने समाज और अभिभावकों को झकझोर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बातचीत जरूरी है, ताकि बच्चे अकेलेपन और भय में ऐसे कदम न उठाएं।

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