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मोदी सरकार का आदेश: भारत में बिकने वाले सभी मोबाइल फोनों में अब ‘संचार साथी’ ऐप होगा प्री-इंस्टॉल

  • नेहा पाठक

नई दिल्ली। भारत सरकार ने देश में बेचे जाने वाले हर मोबाइल फोन में अब संचार साथी ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। दूरसंचार विभाग (DoT) का कहना है कि इस ऐप का उद्देश्य नागरिकों को नकली या डुप्लीकेट हैंडसेट खरीदने से बचाना, साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग आसान बनाना और संचार सुरक्षा को मजबूत करना है।

सरकार ने फोन निर्माताओं और आयातकों से कहा है कि भारत में उपयोग के लिए बनाए या आयात किए जाने वाले सभी नए मोबाइल हैंडसेट में यह ऐप पहले से मौजूद होना चाहिए। मंत्रालय के अनुसार, ऐप फोन सेटअप के दौरान उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट रूप से दिखाई दे और इसकी कार्यक्षमता को न तो हटाया जाए और न ही सीमित किया जाए।

जो डिवाइस पहले ही बन चुके हैं और बिक्री चैनलों में मौजूद हैं, उनमें यह ऐप सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा। कंपनियों को 90 दिनों के भीतर निर्देशों को लागू करना होगा और 120 दिनों के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपनी होगी।

क्या करेगा संचार साथी ऐप?

DoT की संचार साथी पहल टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने और साइबर सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई है।
इस ऐप और पोर्टल के जरिए उपयोगकर्ता:

  • IMEI नंबर के माध्यम से मोबाइल फोन की प्रामाणिकता जांच सकते हैं
  • संदिग्ध धोखाधड़ी से जुड़े संचार की रिपोर्ट कर सकते हैं
  • खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन की शिकायत दर्ज कर सकते हैं
  • अपने नाम पर चल रहे मोबाइल कनेक्शनों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
  • बैंकों और वित्तीय संस्थानों के भरोसेमंद संपर्क विवरण देख सकते हैं

सरकार ने कहा कि नकली या छेड़छाड़ किए गए IMEI नंबर साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं, क्योंकि एक ही IMEI कई उपकरणों में सक्रिय पाया गया है। सेकेंड-हैंड मोबाइल के बड़े बाजार में कई बार चोरी या ब्लैकलिस्टेड डिवाइस भी दोबारा बेचे जाते हैं, जिससे खरीदार कानूनी और आर्थिक जोखिम में आ जाते हैं।

संचार साथी ऐप की मदद से उपयोगकर्ता किसी ब्लॉक/ब्लैकलिस्टेड IMEI की वास्तविक समय में जांच कर सकते हैं। यह ऐप एंड्रॉइड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।

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