राहुल गांधी के आरोपों पर भाजपा के खंडन के बाद प्रियंका गांधी का पलटवार: “तो फिर अब हमें मिलने क्यों नहीं दे रहे?”

- नेहा पाठक
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को भाजपा द्वारा राहुल गांधी के उस बयान को नकारने पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार उन्हें विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिलने से रोकती है। प्रियंका गांधी ने कहा कि यदि सरकार इन आरोपों को गलत मानती है, तो फिर विपक्ष को विदेशी मेहमानों से मिलने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है?
एक राष्ट्र, एक चुनाव पर संसदीय संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक के बाद प्रियंका गांधी ने कहा,
“तो फिर वे हमें अब मिलने क्यों नहीं दे रहे हैं?”
कांग्रेस का आरोप: लोकतांत्रिक मानदंडों को कमजोर कर रही सरकार
प्रियंका गांधी की यह टिप्पणी उस समय आई है जब कांग्रेस केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है कि वह विपक्ष की भूमिका को सीमित कर रही है और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के साथ उनकी मीटिंग को बाधित कर रही है।
राहुल गांधी ने भी कहा था कि सरकार विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को “ओपोज़िशन लीडर से न मिलने” की सलाह देती है।
संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के समय में यह परंपरा रही है कि विदेशी प्रतिनिधि विपक्ष से भी मिलते रहे हैं।
उन्होंने कहा,
“यह परंपरा रही है। पर इन दिनों जब विदेशी गणमान्य व्यक्ति भारत आते हैं या मैं विदेश जाता हूँ, तो सरकार उन्हें विपक्ष के नेता से न मिलने का सुझाव देती है।”
भाजपा ने बताया “झूठ”, पेश किए पांच उदाहरण
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया। भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी पर “बड़ा झूठ बोलने” का आरोप लगाया और कई मुलाकातों की तिथियां साझा कीं। उन्होंने दावा किया कि पिछले डेढ़ वर्ष में राहुल गांधी कम से कम पांच विदेशी राष्ट्राध्यक्षों या प्रमुखों से मिले हैं—
- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना – 10 जून 2024
- मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम – 21 अगस्त 2024
- मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम – 16 सितंबर 2025
- न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन – 8 मार्च 2025
- वियतनाम के प्रधानमंत्री – 1 अगस्त 2024
बलूनी ने कहा,
“ये तस्वीरें फर्जी तो नहीं हो सकतीं। ऊपर दिए गए तथ्य दिखाते हैं कि आप झूठ बोल रहे हैं।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विदेशी दौरों पर राहुल गांधी “भारत की छवि और लोकतांत्रिक ढांचे को नुकसान पहुंचाते हैं।”
भाजपा ने स्पष्ट किया कि किसी भी विदेशी प्रतिनिधि की यात्रा के दौरान विदेश मंत्रालय (MEA) ही बैठकें तय करता है, और प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होती है।



