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कानपुर देहात में दर्दनाक हादसा, झोपड़ी के अंदर सो रहा पूरा परिवार जिंदा जला

दिवाकर कुमार

कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में रूरा थाना के हरामऊ बंजारी डेरा गांव में शनिवार रात छप्पर में आग लगने से एक ही परिवार के पांच सदस्यों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना में झुलसी वृद्धा का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। इससे दंपती व तीन बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई। नवजात व बेटी को लेकर भागने के दौरान मां झुलस गई, उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

झुलसी महिला ने शार्ट सर्किट से आग की बात कही लेकिन पुलिस जांच की बात कह रही तभी सही कारण पता होने की बात कही। हारामऊ गांव के 32 वर्षीय किसान सतीश नायक, उनकी पत्नी 26 वर्षीय काजल बच्चों आठ वर्षीय संदीप, पांच वर्षीय गुड़िया व चार वर्षीय सनी शनिवार रात घर में सोये थे।

देर रात झोपड़ी में आग लग गई। इससे किसी को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला व जलकर मौत हो गई। वहीं झोपड़ी के पिछले हिस्से में सतीश की बहन नीतू अपने एक दिन के नवजात पुत्र संग थी। सतीश की मां रेशम बेटी व नवजात को लेकर भागी तो वह झुलस गई। उन्हें अस्पताल भेजा गया। गांव के लोग व दमकल कर्मी जुटे व आग बुझाई पर कोई फायदा न हुआ।

रात 12 बजे करीब हुई इस घटना की जानकारी मिलते ही डीएम नेहा जैन, एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति के साथ मौके पर पहुंचीं। डीएम ने ग्रामीणों से घटना की जानकारी जुटाई। परिवार को आवास मिलने के बाबत पता किया गया तो जानकारी हुई कि आवास निर्माणाधीन है। पड़ोसी अजय पाल ने बताया की झप्पर गिर जाने से भागने का मौका न मिल सका।

खुश था परिवार, उम्मीद थी जल्द मिलेगी छप्पर से निजात
बंजारी डेरा गांव में कच्ची दीवारें बनाकर उसके ऊपर छप्पर रखकर सतीश का परिवार रहता था। इस परिवार में सतीश की पत्नी काजल, बच्चे सन्नी (7), संदीप (4), बेटी ऋषि (2) के अलावा सतीश की मां रेशमा रहती थीं। गरीबी में गुजर बसर कर रहे इस परिवार में होली की खुशियां दोगुनी थी। इसकी वजह थी कि उसे प्रधानमंत्री आवास मिल चुका था। त्योहार के पहले एक किस्त मिल गई थी। उससे आवास का निर्माण शुरू करा दिया था। परिवार में इस बात की खुशी थी कि उसे जल्द ही छप्पर से निजात मिल जाएगी। उसे पक्की छत नसीब होगी, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। पूरा परिवार छप्पर के नीचे जिंदा जल गया।

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