NEWS

यूपी बार काउंसिल के आवाहन पर सोमवार को वकीलों की हड़ताल

सौरभ शुक्ला

लखनऊ। यूपी के हापुड़ जिले में पिछले हफ्ते अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को राज्य के सभी जिलों और इलाहाबाद हाईकोर्ट में हड़ताल का साफ असर देखा गया। यूपी बार काउंसिल एसोसिएशन की ओर से आहूत हड़ताल के दौरान वकीलों के विरोध प्रदर्शन से न्यायिक कामकाज ठप रहा। आंदोलनरत वकीलों ने धमकी की दी है कि अगर उनकी पांच मांगें नहीं मानी गईं तो हड़ताल को अनिश्चितकालीन समय तक बढ़ाया भी जा सकता है।

वकीलों के सबसे बड़े और ताकतवर संगठन बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के साथ पांच मांगें मानने को लेकर अड़ गए हैं। इसमें एडवोकेट प्रोटेक्शन लॉ लागू करने की मांग शामिल है। साथ ही हापुड़ के डीएम और एसपी पर कार्रवाई के साथ लाठीचार्ज करने वाले पुलिसवालों पर एफआईआर की बात कही गई है. वकीलों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग भी उठाई गई है। गौरतलब है कि हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज और उसके बाद उपद्रव का ये पूरा मामला है, जो अब पूरे राज्यों में वकीलों के प्रदर्शन में बदल गया है। हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में गाजियाबाद, मेरठ समेत कई जिलों में अधिवक्ता पहले ही हड़ताल कर चुके हैं।

मुरादाबाद, गाजियाबाद, मेरठ समेत यूपी के कई जिलों में हड़ताल के दौरान अधिवक्ता सड़क पर दिखे. बार एसोसिएशन के पदाधिकारी भी सड़क पर आए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. उनका कहना है कि अगर लोगों के लिए अदालतों में लड़ाई लड़ने वाले वकील ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो कैसे आम जनता को इंसाफ मिलेगा।

यूपी में अधिवक्ताओं की सबसे बड़ी संस्था यूपी बार काउंसिल और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की रविवार को हुई इमरजेंसी बैठक में न्यायिक कामकाज न करने का फैसला लिया गया था. संगठन के आह्वान पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील उच्च न्यायालय के अलग-अलग गेटों पर नारेबाजी करते नजर आए. पुलिस और प्रशासन के खिलाफ उनका गुस्सा दिखा. इस दौरान भारी पुलिस बंदोबस्त भी मौजूद था। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन उपाध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने कहा कि हमारी मांगों पर यूपी सरकार को तुरंत ध्यान देना चाहिए। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह के नेतृत्व में वकीलों ने अदालती कक्षों में जाकर न्यायिक कार्य न करने को कहा।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लाठीचार्ज की घटना की कड़े शब्दों निंदा की। हालांकि वकीलों की हड़ताल से मुकदमे की सुनवाई के लिए आए वादियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इससे पहले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच ने हापुड़ की घटना के विरोध में 30 अगस्त को कामकाज नहीं किया था।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button