भारतीय वायु सेना को मिला राफेल से भी तेज विमान, पाकिस्तान और चीन के इरादे होंगे पस्त
चीन और पाकिस्तान मिलकर बना रहे फाइटर विमान की सूचना के बीच। भारत ने चीन और पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बुधवार को प्रशिक्षण के लिए पहला एलसीए तेजस भारतीय वायु सेना को सौंप दिया है।
सोनाली सिंह
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान मिलकर बना रहे फाइटर विमान की सूचना के बीच। भारत ने चीन और पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बुधवार को प्रशिक्षण के लिए पहला एलसीए तेजस भारतीय वायु सेना को सौंप दिया है। यह प्रशिक्षण विमान टू सीटर है। किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम यह विमान बेहद हल्का है। सबसे बड़ी बात है इस विमान को जरूरत पड़ने पर महज चंद घंटों में ही लड़ाकू विमान में तब्दील किया जा सकता है। यह सुखोई, राफेल, मिराज और मिग से भी हल्का है। इस विमान का वजन महज 6500 किलोग्राम है।
तेजस की लंबाई 13.2 मीटर, चौड़ाई 8.2 मीटर और ऊंचाई 4.4 मीटर है। विमान की गति मैक 1.6 है। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। तेजस महज 460 मीटर के रनवे पर उड़ान भरने की क्षमता रखता है। इस विमान में हथियारों के लिए नौ बिंदु हैं। यह 2205 किलामीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ता है और छह अलग तरह की मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। इसमें लगा इजरायली रडार EL/M-2052 इसे और भी घातक बनाते हैं। यह एक साथ 10 लक्ष्य पर निशाना साध सकता है।
कर्नाटक के बेंगलुरू में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड चेयरमैन सीबी अनंतकृष्णन ने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को विमान का छोटा नमूना भेंट किया। एलसीए तेजस बहुउद्देश्यीय 4.5 पीढ़ी का विमान है। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे। भारतीय वायु सेना ने एचएएल को ऐसे ही 18 विमानों का आर्डर दिया है। इसमें से आठ विमान अगले 2025 तक और अगले दस विमान 2027 तक मिलेंगे। भारतीय वायु सेना के पास इस समय LCA तेजस का मार्क-1A भी मौजूद है।
ये स्वदेशी है –
तेजस में लेक्ट्रॉनिक स्कैन्ड रे AESA रडार स्वदेशी है।
तेजस में लगने वाली बीवीआर मिसाइल स्वदेशी है।
तेजस में आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट स्वदेशी है।
तेजस में हवा से हवा में ईंधन भरने का उपकरण स्वदेशी है।
तेजसे में 50 फीसदी से ज्यादा उपकरण स्वदेशी हैं।
भारतीय वायु सेना ने कश्मीर के अवंतीपोरा बेस पर तेजस MK-1 को इसी 30 जुलाई को तैनात किया है। चीन और पाकिस्तान की चुनौती से निपटने के लिए इस फाइटर विमान से लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारतीय वायु सेना के पास इस समय कुल 31 तेजस विमान हैं।