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राम मंदिर पर पीएम मोदी को रिटर्न गिफ्ट देंगे साधु-संत, काशी-मथुरा विवाद पर भी दिया बयान

गरुण कुमार

प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज के माघ मेले में आज रविवार (11 फरवरी) को आयोजित संत सम्मेलन में राम मंदिर निर्माण को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया गया और उन्हें आशीर्वाद देते हुए देश की जनता से वोट देकर उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाने की अपील की गई। सम्मेलन में मौजूद संत महात्माओं ने देश में रामराज्य स्थापित होने और काशी और मथुरा की पूर्ण मुक्ति के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का फिर से पीएम बनना बेहद जरूरी बताया। संत महात्माओं ने एक सुर में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में वह ना सिर्फ देश की जनता से अपील कर रहे हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर गांवों मोहल्लों में जाकर उनके लिए प्रचार भी करेंगे। संतों ने पीएम मोदी को रिटर्न गिफ्ट देकर चार सौ से ज्यादा सीटें जीतने का आशीर्वाद भी दिया।

यह संत सम्मेलन विश्व हिंदू परिषद की तरफ से माघ मेले में उनके कैंप में आयोजित किया गया. सम्मेलन में अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव के जरिए मंदिर निर्माण पर पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया गया. इसके साथ ही उनसे अयोध्या की तर्ज पर काशी और मथुरा को भी पूर्ण रूप से मुक्त कराए जाने की अपील की गई। सम्मेलन में कहा गया कि अगर लोगों ने लोकसभा चुनाव में वोट डालने में कोई गलती की और नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार नहीं बनी तो काशी और मथुरा पर विवाद कायम रहेगा और वह पूरी तरह से हिंदुओं को नहीं मिल सकेंगे।

संतों ने कहा कि मोदी को तीसरी बार पीएम बनाना जरूरी

सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार में हिंदुओं का स्वाभिमान फिर से जगा है. हिंदू आज निडर होकर अपना जीवन जी रहे हैं. पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हिंदुओं के हितों की रक्षा कर रहे हैं। संतों के मुताबिक नरेंद्र मोदी का एक बार फिर से देश का प्रधानमंत्री बनना बेहद जरूरी है। सम्मेलन में हिंदुओं के एकजुट होने, लव जिहाद, धर्मांतरण, गौ रक्षा, गंगा रक्षा, कुटुंब प्रबोधन समेत तमाम दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। संतों ने हिंदू समाज के लिए साल में पंद्रह दिनों का वक्त दिए जाने का भी ऐलान किया।

सम्मेलन की अध्यक्षता राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के वरिष्ठ सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने की. सम्मेलन में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद, विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक दिनेश, शिवयोगी मौनी महाराज, निर्वाणी अखाड़े के सचिव गोपाल जी महाराज, महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, किन्नर महामंडलेश्वर टीना मां, काशी के राम कमल वेदांती समेत तमाम संत महात्माओं ने अपने विचार रखें।

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