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‘मुझे भी 14 सालों के लिए निष्कासित करे पार्टी क्योंकि’, कांग्रेस से निकाले गए आचार्य कृष्णन ने खरगे से पूछे 7 सवाल

नेहा पाठक

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णन को छह साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर निशाना साधने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कुछ दिनों पहले पीएम मोदी से मुलाकात की थी। अटकलें लगाई जा रही थी कि क्या आचार्य कृष्णन भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इसी बीच कांग्रेस ने ही उन्हें बाहर का रास्त दिखा दिया है।

कांग्रेस के इस कार्रवाई पर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,”भगवान राम को भी 14 साल के लिए वनवास भेजा गया था क्योंकि मैं राम भक्त हूं, मैं चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी मुझे 6 साल के बजाय 14 साल के लिए निष्कासित कर दे।” उन्होंने आगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल पर निशाना साधा। कांग्रेस ने कहा है कि आचार्य प्रमोद कृष्णन पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे, इसलिए उन्हें निष्कासित किया जा रहा है।

उन्होंने कांग्रेस नेताओं से पूछा कि आखिर मैं कौन सी पार्टी विरोधी गतिविधियां मैं कर रहा था। क्या राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है। क्या अयोध्या जाना पार्टी विरोधी है। क्या रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण स्वीकार करना पार्टी विरोधी है। क्या श्री कल्कि धाम का शिलान्यास कराना पार्टी विरोधी है। क्या नरेंद्र मोदी जी से मिलना पार्टी विरोधी है। क्या योगी आदित्यनाथ जी को श्री कल्कि धाम का शिलान्यास समारोह का निमंत्रण देना पार्टी विरोधी है।

बता दें कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने ठुकरा दिया था। हालांकि, आचार्य प्रमोद कृष्णम पार्टी के इस फैसले का विरोध करते हुए अयोध्या पहुंचे थे।

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