यूपी की मैनपुरी सीट पर आमने-सामने देवरानी, जेठानी डिंपल यादव को चुनौती देगी अपर्णा?
बीजेपी ने यूपी के लिए मिशन-80 तय किया है। ऐसे में बीजेपी हर सीट पर गुणा-गणित लगाकर प्रत्याशी तय कर रही है। इसी कड़ी में माना जा रहा है कि बीजेपी सपा का किला मैनपुरी को ढहाने के लिए अपर्णा यादव को मैदान में उतार सकती है।
सौरभ शुक्ला
लखनऊ। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु अपर्णा यादव की सीएम योगी के साथ मुलाकात की तस्वीर सामने आई है। इसके बाद से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी अपर्णा यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारेगी। अगर ऐसा होता है तो इस पर मैनपुरी लोकसभा सीट पर जेठानी और देवरानी के बीच मुकाबला होगा। हालांकि, सपा ने मैनपुरी से एक बार फिर डिंपल यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद से डिंपल यादव मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में जनसभा और रोड-शो कर रही हैं। वहीं, बीजेपी ने मैनपुरी से अभी तक अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान नहीं किया है।
भाजपा ने यूपी के लिए मिशन-80 तय किया है। मगर लक्ष्य तक पहुंचने की डगर आसान नहीं है। इसके लिए 2019 में हारी हुई 14 सीटों को जीतना होगा। उपचुनाव में जीती आजमगढ़ और रामपुर सीटों पर भी चुनौती है। ऐसे में बीजेपी उन सीटों पर सोच विचार कर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का उम्मीदवार हार गया था। या फिर बीजेपी का उम्मीदवार नंबर दो या फिर नंबर तीन पर था। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी का गढ़ मैनपुरी लोकसभा सीट भी है। सूत्रों के माने तो बीजेपी अपर्णा यादव को मैनपुरी से टिकट दे सकती है। ऐसे में यहां पर यादव परिवार की जेठानी और देवरानी आमने-सामने होंगी।
पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपर्णा यादव ने बीजेपी ज्वाइन किया था। इसके बाद से अपर्णा यादव बीजेपी के लिए कार्य कर रही हैं। लेकिन अभी तक उन्हें बीजेपी ने कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी है। हाल ही में अपर्णा यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी और उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार अपर्णा यादव को बीजेपी मैनपुरी लोकसभा सीट से टिकट दे सकती है।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब अपर्णा यादव के मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ने की बात हो रही हो। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर हुए उपचुनाव में भी अपर्णा यादव के लड़ने की बात हुई थी। उस समय अपर्णा यादव ने चुनाव लड़ने से खारिज कर दिया था। अब एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म है।