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बदायूं सीट पर प्रत्याशी घोषित करने में कन्फ्यूज दिख रहे अखिलेश ! शिवपाल या आदित्य यादव?

अखिलेश कुमार अग्रहरि

लखनऊ। मेरठ, बिजनौर, रामपुर, समेत कई सीटें ऐसी हैं, जहां लोकसभा चुनाव 2024 को सपा ने कैंडिडेट्स को लेकर खूब माथापच्ची की। सपा को अपने प्रत्याशी तक बदलने पड़े। वहीं अब सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लिए चाचा शिवपाल ने बदायूं सीट पर टेंशन बढ़ाई है। पहले सीट पर धर्मेंद्र यादव को उतारा गया था, फिर उनकी जगह सपा ने शिवपाल को मजबूत उम्मीदवार के तौर पेश किया लेकिन अब शिवपाल अपने बेटे आदित्य को उम्मीदवार बताने लगे हैं।

हालांकि समाजवादी पार्टी ने आधिकारिक तौर पर तो उम्मीदवार शिवपाल को ही घोषित कर रखा है लेकिन शिवपाल अपने बेटे को आगे कर रहे हैं। एक जनसभा के दौरान शिवपाल ने जनता से पूछा कि क्या आप जानते हैं क 7 मई को होने वाली वोटिंग में सपा के प्रत्याशी कौन हैं। इस पर जनता ने इसका जवाब पूछा तो शिवपाल ने कहा कि आदित्य यादव प्रत्याशी हैं।

शिवपाल ने नामांकन को लेकर कहा कि नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है और इसकी शुरुआत के साथ ही राज्य में प्रत्याशी नामांकन करेंगे। बता दें कि संभल में एक जनसभा के दौरान ही शिवपाल ने कहा था कि वे बदायूं की सीट पर खुद नहीं बल्कि बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़वाना चाहते हैं।

भले ही शिवपाल यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी का विलय सपा में करक लिया था लेकिन उनके अखिलेश से रिश्ते कुछ खास अच्छे नहं हैं। शिवपाल ने आदित्य यादव की उम्मीदवारी का प्रस्ताव राष्ट्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। अभी तक सपा यह डिसाइड नहीं कर पाई है कि शिवपाल चुनाव लड़ेंगे या आदित्य… इसके चलते बदायूं में दोनों ही चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।

बदायूं सीट की बात करें तो यह सीट 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यह सीट सपा का गढ़ थी। पार्टी ने पहली बार 1996 में जीत हासिल की, 2009 में आदित्य और अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव इस सीट से संसद पहुंचे थे। नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद 2014 में सीट धर्मेंद्र यादव न अपने पास रखी थी। वहीं 2019 में धर्मेंद्र यादव संघमित्रा मौर्य से हार गए। इस बार भी धर्मेंद्र को बदायूं से उम्मीदवार घोषित किया गया था, लेकिन बाद में उनकी जगह शिवपाल को उतारा गया। धर्मेंद्र यादव ने अखिलेश यादव की पूर्व सीट यानी आजमगढ़ पर उपचुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे।

सपा के सूत्रों ने की सलाह है कि आदित्य को उम्मीदवार बनाए जाने से धर्मेंद्र के लिए अपने समर्थकों को जुटाना आसान हो जाएगा। पिछले हफ्ते, धर्मेंद्र ने भी कहा था, “जो भी पार्टी का फैसला होगा और खुशी होगी…चाचा के लिए काम करने में एक हिचकिचाहट होती, आदित्य के लिए और ज्यादा काम करेंगे।

खास बात यह है कि आदित्य यादव भी चुनाव लड़ने को लेकर उत्साहित हैं लेकिन अभी तक सपा आदित्य या शिवपाल के बीच प्रत्याशी घोषित करने को लेकर आखिरी फैसला नहीं कर पाई है।

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