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यूपी की पहचान अब उपद्रवी नहीं उत्सव हैं : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सौरभ शुक्ला

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा होने पर भाजपा सरकार की छह साल की उपलब्धियों का ब्यौरा जनता के सामने रखा।जिस वक्त यूपी में 2017 के चुनाव के नतीजे आए थे और बीजेपी के संभावित मुख्यमंत्रियों के नाम की चर्चा शुरू हुई थी, उनमें योगी आदित्यनाथ का नाम कहीं दूर-दूर तक नहीं लिया जा रहा था। बीजेपी के अंदर उनकी छवि एक ऐसे गर्म मिजाज नेता के रूप में थी, जिन्होंने कभी ऐसे फैसले स्वीकार नहीं किए, जो उनकी सहमति से इतर होते थे। योगी को जब सीएम बनाने का फैसला हुआ था तो एक सवाल यह भी तैरने लगा था कि जिस शख्स के पास कोई प्रशासकीय अनुभव न हो, उसके लिए क्या यूपी जैसे बड़े राज्य को चला पाना आसान होगा? लेकिन छह वर्षों के दरमियान योगी एक ‘ब्रैंड’ के रूप में उभरे।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेश की जनता के सामने भाजपा सरकार की छह साल की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमने छह साल में प्रदेश को लेकर लोगों की धारणा बदलने का काम किया है। अब यूपी की पहचान उपद्रवियों से नहीं उत्सवों से है। अब प्रदेश माफियाओं के कारण नहीं बल्कि महोत्सव के कारण जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हमने नया यूपी बनाया है। छह वर्ष पहले लोग कहते थे कि यूपी में कभी विकास नहीं हो सकता है पर आज पूरा प्रदेश विकास की दौड़ में पहले स्थान पर जगह बना रहा है।

उन्होंने कहा कि ये वही उत्तर प्रदेश है जो छह साल पहले हर दूसरे तीसरे दिन दंगा होने और परिवारवाद के कारण जाना जाता था पर अब यूपी की नई छवि देश और दुनिया के सामने है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने यूपी में पुलिस सुधार किए। प्रदेश में सात पुलिस कमिश्नरेट बने। तहसील के स्तर पर फायर ब्रिगेड बने। हर जिले में पुलिस के लिए बैरक बनाए जा रहे हैं और साइबर थानों की स्थापना हो रही है।

2022 में उन्होंने यूपी में बीजेपी की सिर्फ वापसी ही नहीं करवाई बल्कि उसके बाद उन्होंने रामपुर से लेकर आजमगढ़ जैसे विपक्षी गढ़ों जीतकर साबित किया कि उनकी चालों की काट फिलहाल विपक्ष के पास नहीं है। अब बीजेपी के अंदर भी यह बात कही-सुनी जाने लगी है कि यूपी में योगी आदित्यनाथ का कोई विकल्प नहीं है।

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