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देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना तलाशने के लिए समिति की जिम्मेदारी, अब भारत में पंचायत से संसद तक होगा एक चुनाव

नेहा पाठक

नई दिल्ली। मोदी सरकार केवल विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की तैयारी नहीं कर रही है बल्कि पंचायत से संसद तक एक साथ एक चुनाव की तैयारी की योजना है। मोदी सरकार केवल विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की तैयारी नहीं कर रही है बल्कि पंचायत से संसद तक एक साथ एक चुनाव की तैयारी की योजना है। सभी चुनाव के लिए एक ही वोटर लिस्ट होगी और सभी लोग केवल एक ही जगह वोट कर पाएंगे। इससे बड़ी संख्या में वोट डबलिंग रोकने में मदद मिलेगी। राजनीतिक पार्टियों का फायदा यह होगा कि उन्हें अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को व्यवस्थित करने में भी सहायता मिलेगी।

समिति क्या काम करेगी?
समिति लोकसभा, विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार और सिफारिश करेगी। इस बात का अध्ययन भी करेगी कि क्या संविधान में संशोधन के लिए राज्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी। कमेटी तुरंत काम शुरू करेगी और जल्द से जल्द सिफारिशें देगी।
समिति इसके अलावा एक साथ चुनाव कराने की स्थिति में त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या दलबदल से उभरते परिदृश्यों के प्रभाव का भी विश्लेषण करेगी।

पीएम मोदी क्या दलील देते रहे हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वन नेशन, वन इलेक्शन की पैरवी करते रहे हैं। उन्होंने 2018 में संसद को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘लगातार चुनाव से न सिर्फ मानव संसाधन पर अत्यधिक बोझ पड़ता है बल्कि चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से इन विकास कार्यों को पूरा करने की प्रक्रिया भी बाधित होती है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति ही अब चुनाव के लेकर सिफारिश करेगी। केंद्र सरकार ने शनिवार को ही समिति के गठन की अधिसूचना जारी कर दी। इसमें सात सदस्य भी बनाए गए हैं। समिति ने तत्काल प्रभाव से इस मसले पर काम करना भी शुरू कर दिया है। समिति की सिफारिश लागू करने के लिए संविधान और कानूनों में जरूरी संशोधनों का भी सुझाव देगी।

ये है समिति…

रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति- अध्यक्ष
नितिन चंद्र,विधिक कार्य विभाग के सचिव -सचिव
अमित शाह – गृह मंत्री
अधीर रंजन चौधरी- लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता
गुलाम नबी आजाद- पूर्व नेता प्रतिपक्ष राज्यसभा
एनके सिंह – पूर्व अध्यक्ष 15 वां वित्त आयोग
सुभाष कश्यप – पूर्व महासचिव, लोकसभा
हरीश साल्वे – सीनियर एडवोकेट
संजय कोठारी – पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त
कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल कमेटी के स्थाई आमंत्रित सदस्य

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