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UN में पाकिस्तान को भारत का करारा जवाब, कहा पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है

भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने कश्मीर राग अलापने के लिए पाकिस्तान के पीएम की आलोचना की और कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में दखल का अधिकार नहीं है।

समय टुडे डेस्क।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मु्द्दा उठाए जाने पर भारत ने करारा पलटवार किया है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि पाकिस्तान पहले 26/11 आतंकियों पर कार्रवाई करे और जम्मू एवं कश्मीर का कब्जे वाला इलाका खाली करे, फिर कोई बात करे। भारत ने पाकिस्तान पर यूएन के मंच का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया। बता दें कि पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकड़ ने शुक्रवार को यूएन में एक बार फिर कश्मीर राग अलापा था।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को वैश्विक मंच का दुरुपयोग करने वाला आदतन अपराधी करार दिया। UNGA की दूसरी समिति के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए कहा, ‘भारत के खिलाफ आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए इस मंच का दुरुपयोग करने के मामले में पाकिस्तान एक आदतन अपराधी है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य बहुपक्षीय संगठनों के सदस्य देश अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान मानवाधिकार के मामलों में अपनी बदहाल स्थिति से हटाने के लिए ऐसा करता है।’

पेटल गहलोत ने कहा, ‘हम एक बार फिर दोहराते हैं कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से संबंधित मामले पूरी तरह से भारत के आंतरिक मामले हैं। पाकिस्तान को हमारे घरेलू मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने के लिए पाकिस्तान को 3 कदम उठाने होंगे। पहला, वह सीमा पार आतंकवाद को रोके। दूसरा, अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करे। और तीसरा, अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रहे मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन को रोके।’

पेटल गहलोत ने कहा, ‘पाकिस्तान के लिए अच्छा होगा कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश पर उंगली उठाने से पहले अपने आप को सही कर ले। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर हिंदू, सिख और ईसाइयों की महिलाओं की स्थिति दयनीय है। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की हाल ही की रिपोर्ट के अनुसार, मुल्क में हर साल अल्पसंख्यक समुदायों की करीब 1,000 महिलाओं का अपहरण किया जाता है और उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह का शिकार बनाया जाता है। पाकिस्तान दुनिया में सबसे बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित आतंकवादी संस्थाओं और लोगों को पनाह देने वाला देश रहा है।’

बता दें कि इसके पहले पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकड़ ने यूएन में अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच शांति के लिए कश्मीर अहम है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र की आम बहस के दौरान काकड़ ने कहा कि पाकिस्तान, भारत सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण और उपयोगी संबंध चाहता है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान और भारत के बीच शांति के लिए कश्मीर अहम है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को कश्मीर पर अपने प्रस्तावों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना चाहिए।’

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