PM नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में चंद्रयान-3 की सफलता पर सुनाई ये खास कविता, जानें-10 बड़ी बातें
मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी लिखी कविता देश की जनता को सुनाई. उन्होंने चंद्रयान समेत कई मुद्दों पर बात की।
सोनाली सिंह
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का उल्लेख करते हुए रविवार को कहा कि भारत के इस अभियान ने साबित कर दिया है कि संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं. उन्होंने कहा कि यह अभियान नये भारत की उस भावना का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है. ‘आकाशवाणी’ पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 104वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने भारत के चंद्रयान अभियान को नारी-शक्ति का भी जीवंत उदाहरण बताया और कहा कि यह ‘सबके प्रयास’ से ही संभव हो सका. मोदी ने कहा, ‘‘चंद्रयान-3 की सफलता ने महासावन उत्सव के माहौल को कई गुना बढ़ा दिया है. चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचे तीन दिन से ज्यादा समय हो रहा है. यह सफलता इतनी बड़ी है कि इसकी जितनी चर्चा की जाए, वह कम है।
चंद्रयान-3 की सफलता पर पीएम मोदी ने ये खास कविता सुनाई
आसमान में सिर उठाकर
घने बादलों को चीरकर
रोशनी का संकल्प ले
अभी तो सूरज उगा है।
दृढ़ निश्चय के साथ चलकर
हर मुश्किल को पार कर
घोर अंधेरे को मिटाने
अभी तो सूरज उगा है।
आसमान में सिर उठाकर
घने बादलों को चीरकर
अभी तो सूरज उगा है।
प्रधानमंत्री ने अपनी लिखी कविता ‘अभी तो सूरज उगा है’ सुनाते हुए कहा कि 23 अगस्त को भारत ने और भारत के चंद्रयान ने यह साबित कर दिया कि संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान मिशन नये भारत की उस भावना का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है और हर हाल में जीतना भी जानता है.
चंद्रयान-3 की सफलता ने जश्न को कई गुना बढ़ा दिया है. चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर उतरे तीन दिन से ज्यादा हो गए हैं। ये सफलता इतनी बड़ी है कि इस पर जितनी भी चर्चा की जाए कम लगती है।
प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से दिए अपने भाषण में महिला-नीत विकास को सशक्त करने का उल्लेख किया और कहा कि जहां महिला शक्ति का सामर्थ्य जुड़ जाता है, वहां असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत का चंद्रयान मिशन नारी शक्ति का भी जीवंत उदाहरण है।
इस पूरे मिशन से कई महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर जुड़े रहे. इन्होंने परियोजना निदेशक, परियोजना प्रबंधन जैसी कई जिम्मेदारियां संभालीं. भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं. किसी देश की बेटियां जब इतनी आकांक्षी हो जाएं, तो उस देश को विकसित बनने से भला कौन रोक सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने ‘इतनी ऊंची उड़ान’ इसलिए पूरी की है, क्योंकि आज सभी के सपने भी बड़े हैं और प्रयास भी बड़े हैं. मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता में वैज्ञानिकों के साथ ही दूसरे क्षेत्रों की भी अहम भूमिका रही है. उन्होंने इस अभियान के लिए कल-पुर्जों और तकनीकी जरूरत को पूरी करने में देशवासियों के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि ‘सबके प्रयास’ से ही यह सफलता मिली है।
देश के 60 शहरों में इससे जुड़ी करीब-करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया.G-20 Delegates जहां भी गए, वहां लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया.G-20 की हमारी Presidency, People’s Presidency है, जिसमें जनभागीदारी की भावना सबसे आगे है।
अपनी Presidency के दौरान भारत ने G-20 को और ज्यादा inclusive forum बनाया है. भारत के निमंत्रण पर ही African Union भी G-20 से जुड़ी और अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम platform तक पहुंची।
संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है. इसे कई आधुनिक भाषाओं की जननी भी कहा जाता है. आज लोगों में संस्कृत को लेकर जागरूकता और गर्व का भाव बढ़ा है। इसके पीछे बीते वर्षों में देश का विशेष योगदान भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम के 104वें एपिसोड के दौरान चीन में आयोजित विश्व विश्वविद्यालय खेलों में पदक जीतने वाले एथलीटों को बधाई दी और उनसे बातचीत की।