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भारत-रूस व्यापार मंच में पुतिन का बड़ा बयान: “2030 तक द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है”

  • समय टुडे डेस्क।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित भारत-रूस व्यापार मंच में दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ते आर्थिक संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत-रूस साझेदारी अब केवल ऊर्जा सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों में “बहुआयामी संबंधों” को और गहराई देना है।

पुतिन ने कहा कि रूसी प्रतिनिधिमंडल सिर्फ़ तेल और गैस पर बातचीत करने नहीं आया, बल्कि भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में नए अवसरों की तलाश भी कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम अपने आर्थिक संचालकों को भारत में मौजूद अवसरों से परिचित कराना चाहते हैं ताकि दोनों देश एक-दूसरे की जरूरतें पूरी कर सकें।”

द्विपक्षीय व्यापार में 80% की वृद्धि, पिछले वर्ष 64 अरब डॉलर का आंकड़ा

पुतिन के अनुसार, रूस और भारत लंबे समय से मजबूत व्यापारिक साझेदार रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में 80% की रिकॉर्ड वृद्धि हुई है और पिछले वर्ष यह 64 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

दोनों देशों की आर्थिक क्षमता पर बात करते हुए पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के पास विशाल उपभोक्ता बाजार और मजबूत आर्थिक-तकनीकी क्षमता है।

मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास यात्रा की सराहना

रूसी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के आर्थिक प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा,
“भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले देशों में है। पिछले दशक में भारत का GDP लगभग दोगुना हुआ है और क्रय-शक्ति के आधार पर 2.5 गुना बढ़ा है।”

उन्होंने कहा कि भारत के आईटी, फार्मा, हल्के उद्योग और प्रोसेसिंग सेक्टर दुनिया में अग्रणी बन चुके हैं और रूस इनके अनुभवों का अध्ययन कर रहा है।

2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार का लक्ष्य

पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर तय किए गए लक्ष्य की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि रूसी कंपनियां भारत से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद कई गुना बढ़ाने के लिए तैयार हैं और भारत का नया निर्यात सहायता कार्यक्रम इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है।

राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार का समर्थन

पुतिन ने कारोबार में रूबल और रुपये जैसे राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग का समर्थन करते हुए कहा कि इससे बाहरी परिस्थितियों की परवाह किए बिना वित्तीय लेन-देन सुचारू रूप से संभव हो सकेगा।

ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर और उत्तरी समुद्री मार्ग पर तेजी से काम

रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने के लिए उत्तरी समुद्री मार्ग का आधुनिकीकरण चल रहा है।
इसके अलावा, रूस-बेलारूस से हिंद महासागर तक जोड़ने वाली दक्षिण-उत्तर अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारा परियोजना भी आगे बढ़ रही है।

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