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विचार– “शिक्षा और सभ्यता”

माज शिक्षित तो जाएगा,
मगर सभ्य कब होगा?

विषय अकल्पनीय है—
प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति क्या सभ्य है?
शायद नहीं…

शिक्षा ने सभ्य बनाने का
असंख्य प्रयास किया, मगर
समाज ने शिक्षा को बना दिया व्यवसाय।

पढ़ने–गढ़ने की बातें
सीमित रह गईं किताबों और
सोशल मीडिया तक…

जबकि असली शिक्षा का उद्देश्य
तो एक सभ्य समाज था।

✍️ पंक्तियां – इंदु विवेक
(शिक्षिका एवं साहित्यकार)

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