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भगवान की मूर्ति खरीदते समय मोलभाव करना सही है या नहीं? जानें प्रेमानंद महाराज का संदेश
भगवान की मूर्ति (श्री विग्रह) खरीदते समय अक्सर हमारे मन में यह सवाल आता है कि कौन-सी मूर्ति सुंदर है,…
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5 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस? जानिए इसका इतिहास और महत्व
समय टुडे डेस्क। हर साल 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यह दिन देश…
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क्यूं छेड़ा – प्रकृति का आक्रोश
फट पड़े वे आक्रोश से, हाहाकार मचा दिया।उजड़ गए गांव के गांव, सब कुछ तहस-नहस।पल भर में जल प्रलय, भयावह…
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विचार– “शिक्षा और सभ्यता”
समाज शिक्षित तो जाएगा,मगर सभ्य कब होगा? विषय अकल्पनीय है—प्रत्येक शिक्षित व्यक्ति क्या सभ्य है?शायद नहीं… शिक्षा ने सभ्य बनाने…
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जिसने हिटलर को भी झुका दिया, वही हैं भारत के सच्चे देशभक्त – हॉकी जादूगर मेजर ध्यानचंद
मेजर ध्यानचंद साल 1956 में सेना से सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद भारत सरकार ने उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक…
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ज़माने ने समझाया, अच्छी औरतें घर में रहती हैं, जो अपने मन की बात के अलावा ……
ज़माने ने समझायाअच्छी औरतें घर में रहती हैंजो अपने मन की बात के अलावासब कुछ कहती हैंजो लड़ती हैं पति…
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आहुति देकर नित निद्रा की, मन की व्यथा चुनी है मैंने …….
आहुति देकर नित निद्रा कीमन की व्यथा चुनी है मैंनेनीम रतजगों में तारों सेगोपन कथा सुनी है मैंनेलंबी रातों का…
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धरती के सारे कोनों को, हमने अब तक छान लिया है ……..
धरती के सारे कोनों को हमने अब तक छान लिया है और गगन के चाँद सितारों को हमने पहचान लिया…
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आज मुद्दतों बाद मैं, अपने बचपन के सखा, अपने गांव से मिलने गई …….
मेरा गांव आज मुद्दतों बाद मैंअपने बचपन के सखाअपने गांव से मिलने गई,गाड़ी से उतरते हीमैं और मेरा जिस्मअलग हो…
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आपकी वो इक छुअन जैसे शिला सी हो गई है, क्यों प्रतीक्षा अब हमारी उर्मिला सी हो गई है
आपकी वो इक छुअन जैसे शिला सी हो गई हैक्यों प्रतीक्षा अब हमारी उर्मिला सी हो गई हैलौटकर इक दिन…
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