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दुखी न होना चाहिए,मत हो कभी अधीर।

दुखी न होना चाहिए,मत हो कभी अधीर।

धीरज धर आगे बढ़ो,तभी बनेंगे वीर।।

अपने बनकर थे मिले,अब लेते नहि नाम।

दुखी न होना चाहिए,अपने तो बस राम।।

परमारथ करते रहो,रख न द्वेष के भाव।

दुखी न होना चाहिए,देख लोग के दाव।।

मतलब का संसार है,मतलब के हैं यार।

दुःखी न होना चाहिए,देख जगत व्यवहार।।

माना जिसे हबीब था,निकले वही रक़ीब।

दुःखी न होना चाहिए,दूरी रहे करीब।।

~ डॉ रीमा सिन्हा

लखनऊ

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